लखनउ : रिहाई मंच ने एनआईए पर मोदी सरकार के दबाव में समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट के आरोपियों के खिलाफ केस को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए एनआईए के डायरेक्टर जनरल शरद कुमार को पद से हटाने की मांग की है। मंच ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले संघ परिवार और खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के गठजोड़ पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कराने की साजिश के तहत कथित आतंकी घटनाएं कराने की भी आशंका व्यक्त की है।
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शुऐब ने कहा है कि समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट कांड के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित के बरी होने का रास्ता बनाने के लिए ही एनआईए कोर्ट के आदेश पर सेना से उसे वे दस्तावेज सौंपे गए हैं जिसके जरिए वह आतंकवाद से निपटने में अपनी कथित सक्रीयता का रिकाॅर्ड पेश कर सके।
उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में एनआईए अदालत द्वारा दिया गया यह फैसला भारतीय न्याय व्यवस्था के इतिहास का सबसे बड़ा शर्मनाक अध्याय साबित होने जा रहा है |
रिहाई मंच के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि इसी साजिश के तहत एनआईए प्रमुख शरद कुमार पिछले दिनों अमरीका भेजे गए थे जहां उन्होंने आधिकारिक तौर पर आरिफ कसमानी का नाम रिकाॅर्ड पर लाने के लिए उसे समझौता एक्सप्रेस हमले का फायनेंसर बताते हुए उसके सम्बंध में अमरीका से सूचनाएं मांगी हैं।
संघ परिवार से जुड़े आतंकियों के प्रति एनआईए के सहयोगी रवैये को प्रमाणित करता है और महाराष्ट्र की स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर रोहिणी सैलियन के उस दावे को सही साबित करता है कि एनआईए संघ परिवार से जुड़े आतंक के आरोपियों के प्रति नर्मी बरतने का काम कर रहा है।
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट : NIA ने कहा, कर्नल पुरोहित के खिलाफ सबूत नहीं
समझौता एक्सप्रेस विस्फोट के मामले में नेशनल इंवेस्टिगेशन टीम को लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है | एनआईए के प्रमुख शरद कुमार ने कहा है कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं है | उन्होंने कहा है कि पुरोहित इस मामले के आरोपी नहीं हैं. उन्होंने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि आखिर कर्नल प्रसाद पुरोहित का नाम इस मामले में क्यों घसीटा जा रहा है | एनआईए प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र की एटीएस ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में कर्नल पुरोहित को आरोपी बनाया था और एनआईए इस मामले की जांच कर रही है |
जब जब बीजेपी सत्ता में आती है तो ऐसा ही होता है : तारिक अनवर
एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा, जब बीजेपी की सरकार केन्द्र में आती है तब यही सब होता है। धीरे-धीरे सभी आरोपी इस मामले में छूट जाएंगे।
सरकार किसी पर दबाव नहीं डालती : रिजिजू
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सफाई दी है कि हमारी सरकार किसी पर दबाव नहीं डालती। मगर एक जांच के भीतर इतने सारे यू-टर्न हैरान करने वाले हैं। दरअसल, केंद्र में जब जब सरकार सरकार बदली तब तब जांच एजेंसियां संवेदनशील मामलों में अपना रुख बदल लेती हैं। चाहे वह एटीएस हो या सीबीआई या फिर NIA.
कर्नल पुरोहित ने भी रक्षा मंत्रालय में अर्जी
कर्नल पुरोहित ने भी रक्षा मंत्रालय में अर्जी देकर अपने सम्मान बहाली की मांग की है। मालेगांव मामले में भी कई अहम गवाहियों का पता नहीं है, जबकी समझौता धमाकों में भी 165 गवाहों में से 22 गवाह पलट चुके हैं। दरअसल, 2006 के मालेगांव धमाकों में 37 लोगों की मौत हुई।