नई दिल्ली: नेशनल इंन्वेस्टिगेशन एजेंसी की जम्मू कश्मीर में अलग-अलग जगह पर छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी नॉर्थ कश्मीर के बारामूला जिले के चार अलग-अलग ठिकानों पर चल रही है। एनआईए सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के साथ यह छापेमारी कर रही है। एजेंसी को शक है कि हवाला नेटवर्क के जरिए पाकिस्तान से टेटर फंडिंग की साजिश की जा रही है। इसी सिलसिले में एनआईए यह छापेमारी कर रही है। इससे पहले एनआईए ने 23 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में एक बिजनेसमैन अहमद वानी के घर पर छापेमारी की थी। उसपर शक है कि वह पाकिस्तान से टेरर फंडिंग करता है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में जम्मू कश्मीर में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का फैसला लिया है। जिसमे कुल 10000 जवान और सेना के अधिकारी घाटी में भेजे जाएंगे। कुछ ही दिनों में ये जवान घाटी में पहुंचना शुरू हो जाएंगे। सरकार के इस फैसले से घाटी में अलगाववादियों और राजनीतिक दलों के बीच हलचल तेज हो गई है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया केंद्र सरकार के घाटी में 10,000 जवानों की तैनाती के फैसले से लोगों के मन में डर पैदा हो गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जाएगा। उन्हें कहा कि केंद्र सरकार को दोबारा विचार करना चाहिए और अपनी पॉलिसी में सुधार करना चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने सरकार के फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि घाटी में 10 हजार सैनिकों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले ने लोगों में डर पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षाबलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो कि मिलिट्री से हल नहीं होगी। भारत की सरकार को अपनी पॉलिसी पर दोबारा विचार करने और उसमें सुधार करने की जरूरत है।