हरिद्वार के नामी संत और निरंजनी अखाड़ा के पूर्व सचिव आशीष गिरि के अपनी ही कनपटी पर गोली मार कर खुदकुशी कर लेने की खबर से हर कोई स्तब्ध है।
यह खबर जैसे ही हरिद्वार पहुंची, संतों में शोक छा गया। वह बोले-यह स्तब्ध करने वाली घटना है।
बता दें कि रविवार सुबह प्रयागराज के दारागंज स्थित निरंजनी अखाडे़ के आश्रम में पूर्व सचिव आशीष गिरि ने अपनी ही लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी।
बताया जा रहा है संत अपनी बीमारी को लेकर मानसिक तनाव में थे। निरंजनी अखाडे़ के श्रीमहंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने घटना पर शोक व्यक्त किया है।
श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, जो कि खुद प्रयागराज में हैं, ने बताया कि उन्होंने सुबह ही महंत आशीष गिरि से बात की थी और उन्हें नाश्ते के लिए मठ में बुलाया था।
बताया जा रहा है कि स्वामी आशीष गिरि का लिवर खराब हो गया था, जिसका इलाज चल रहा था। वह देहरादून के एक निजी अस्पताल में भी कुछ समय भर्ती रहे थे। इस कारण लगातार मानसिक तनाव में चल रहे थे।
मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और निरंजनी अखाडे़ के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने घटना पर शोक व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि श्रीमहंत आशीष गिरि महाराज युवा संत थे और अखाडे़ को प्रगति की ओर अग्रसर करने में निरंतर प्रयासरत थे। उनके असमय निधन से अखाडे़ सहित पूरे संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है।
जूना अखाडे़ के संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने भी इसे बेहद स्तब्ध करने वाली घटना बताया।