नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में मौत की सजा पा चुके दोषियों में से एक मुकेश कुमार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने की न्यायिक समीक्षा का अनुरोध किया था। अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे मुकेश के वकील को रजिस्ट्री के सामने मेंशन करने को कहा है।
वहीं चीफ जस्टिस ने इस मसले पर कहा है कि अगर किसी को 1 फरवरी को फांसी की सजा होने वाली है तो जाहिर है कि उसकी याचिका पर सुनवाई को प्राथमिकता दी जाएगी। बता दें, मुकेश ने अर्जी में 1 फरवरी के लिए जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग भी की है।
2012 Delhi gang-rape case: SC asks counsel of Mukesh,one of the convicts in the case, to approach SC Registry for urgent listing of his plea against rejection of mercy petition by the President.Bench headed by CJI says,if somebody is going to be executed on Feb1,it’s top priority pic.twitter.com/kfIJebVuDn
— ANI (@ANI) January 27, 2020
इससे पहले निर्भया केस के चार में तीन दोषियों विनय, पवन और अक्षय ठाकुर की ओर से वकील एपी सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर तिहाड़ जेल प्रशासन से दोषियों से संबंधित कागजात उपलब्ध कराने की मांग की थी। शनिवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को कागजात उपलब्ध करा दिए।
आपको बता दें कि निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा पर अमल के लिए एक फरवरी सुबह 7 बजे का डेथ वारंट जारी हो चुका है, लेकिन फांसी से बचने के लिए दोषी हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।