नई दिल्लीः निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली सरकार ने दोषी की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है। दिल्ली सरकार की इस सिफारिश से निर्भया की मां काफी खुश हैं और उन्होंने इसे सराहनीय कदम बताया है।
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, मैं दिल्ली सरकार के दया याचिका खारिज करने वाली सिफारिश का स्वागत करती हूं। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी फांसी पर चढ़ाए जाएंगे। उन्होंने तेलंगाना की पशु चिकित्सक के रेप और हत्या के मामले पर कहा यह बहुत बर्बर था। जिस तरह हमने न्याय के लिए सात साल इंतजार किया उसके साथ ऐसा न हो उसे जल्द से जल्द न्याय मिले। प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ऐसी वारदातें आखिर बार-बार क्यों होती हैं।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi rape & murder victim: I welcome Delhi government’s decision to recommend rejection of mercy petition of one of the convicts in the case. I hope soon the accused will be hanged to death soon. pic.twitter.com/kuBSOZz4sd
— ANI (@ANI) December 2, 2019
दिल्ली सरकार के गृहमंत्री सतेंद्र जैन ने दया याचिका की फाइल को उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेज दिया है। कहा गया है कि 2012 निर्भया मामले के जघन्य अपराधी विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज किया जाए।
मामले के दोषी 23 वर्षीय विनय शर्मा ने राष्ट्रपति से दया याचिका की मांग की है। दिल्ली सरकार का कहना है कि जघन्य अपराधी को बख्शा नहीं जा सकता। दोषी को सजा देने से समाज में एक संदेश जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना के बारे में कोई सोच भी न सके।
दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार, गृहमंत्री ने यह भी कहा है कि दया याचिका को स्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है। उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की सिफारिश को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजें।
इस मामले में तिहाड़ के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा है कि निर्भया मामले के एक दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका दी है। तिहाड़ ने इसे दिल्ली सरकार को भेजा है। दिल्ली सरकार ने इसे उपराज्यपाल को भेज दिया है।
इसमें यह सिफारिश की गई है कि ये जघन्य अपराध है। दया याचिका खारिज होनी चाहिए। इसके बाद इस फाइल को केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा जाएगा। फिर यह याचिका राष्ट्रपति के पास जाएगी। याचिका पर हुए निर्णय को लेकर तिहाड़ प्रशासन पटियाला कोर्ट जाएगा।
दोषी का ब्लैक वारंट (जिसे डेथ वारंट भी कहते हैं) वह कोर्ट से जारी होगा। दया याचिका सिर्फ विनय शर्मा ने लगाई है। अदालत तय करेगी कि अन्य दोषी अक्षय, पवन, मुकेश दोबारा दया याचिका दे सकेंगे या नहीं? राष्ट्रपति पर निर्भर करता है कि वे कब डेथ वारंट निकालते हैं।