नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी की जगह 1 फरवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा। वहीं, कोर्ट द्वारा फांसी की तारीख बढ़ाए जाने पर निर्भया की मां आशा देवी ने निराशा जाहिर की थी और कहा था कि मुजरिम जो चाहते थे, वही हो रहा है, फिर से तारीख पर तारीख मिल रही है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने निर्भया की मां से अनुरोध किया था कि जैसे सोनिया गांधी ने नलिनी को माफ कर दिया, वैसे ही वे दोषियों को माफ कर दें। इंदिरा जयसिंह के इस अनुरोध पर आशा देवी ने नाराजगी जताई है।
आशा देवी ने इंदिरा जयसिंह के बयान पर कहा, ‘मुझे ऐसा सुझाव देने वाली इंदिरा जयसिंह कौन होती हैं? पूरा देश चाहता है कि दोषियों को फांसी दी जाए। केवल उनके जैसे लोगों की वजह से ही बलात्कार पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता है।’ निर्भया की मां ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘विश्वास नहीं हो रहा है कि इंदिरा जयसिंह ने इस तरह का सुझाव देने की हिम्मत भी कैसे की।’
उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में इतने सालों में उनसे कई बार सामना हुआ, लेकिन तब कभी उन्होंने मेरी खैरियत नहीं पूछी और आज वह दोषियों की तरफदारी कर रही हैं। ऐसे लोग बलात्कारियों का समर्थन करके रोजी-रोटी कमाते हैं, इसलिए बलात्कार की घटनाएं बंद नहीं होती हैं।’ इसके पहले इंदिरा जयसिंह ने ट्वीट कर कहा था, ‘मैं आशा देवी के दर्द से पूरी तरह वाकिफ हूं, मैं उनसे आग्रह करती हूं कि वह सोनिया गांधी के उदाहरण का अनुसरण करें जिन्होंने नलिनी को माफ कर दिया और कहा कि वह उसके लिए मौत की सजा नहीं चाहती हैं, हम आपके साथ हैं लेकिन मौत की सजा के खिलाफ हैं।’
बता दें कि दिल्ली की अदालत ने निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करते हुए 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है। निर्भया केस में राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद तिहाड़ जेल की तरफ से दिल्ली की अदालत को जानकारी दी गई थी कि राष्ट्रपति ने दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है। सरकारी वकील ने फांसी की नई तारीख और वक्त बताने का आग्रह किया था। इसके पहले, पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का डेथ वारंट जारी किया था।