16.1 C
Indore
Friday, November 22, 2024

जो नहीं जानते वफ़ा क्या है ?

देश की राज सत्ता को संचालित करने वाले राजनेताओं से जनता को हमेशा ही यही अपेक्षा रहती है कि अपनी कारगुज़ारियों से यह राजनेतागण कुछ ऐसे आदर्श स्थापित करेंगे जो देश के लोगों के लिए प्रेरणा साबित होंगे। इनसे यह उम्मीद की जाती है की यह देश के संविधान की रक्षा करेंगे तथा इनके प्रत्येक राजनैतिक क़दम व बयानात ऐसे होंगे जिससे देश के संविधान व इसकी मूल भावनाओं का सम्मान हो सके। इनसे ऐसी आशाएं बंधी होती हैं कि ये “माननीय” समाज को जोड़ने व राष्ट्रीय एकता व अखंडता को मज़बूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अपने मतदाताओं की उन जनभावनाओं पर खरा उतरेंगे जिसके तहत उन्होंने अपना जनप्रतिनिधि चुना है। गोया कुल मिलाकर इन माननीयों से यह उम्मीद की जाती है कि ये निर्वाचित माननीय अपने मतदाताओं की आकांक्षाओं,भारतीय लोकतंत्र,भारतीय संविधान,इसकी मूल भावनाओं तथा संविधान के मंदिर के प्रति पूरी तरह वफ़ादार साबित होंगे।

ऐसे में सवाल यह है कि क्या यह राजनेता देशवासियों की इन उम्मीदों पर खरे उतर पा रहे हैं? आइये कुछ माननीयों के ताज़ातरीन बयानों के आधार पर यह जानने की कोशिश की जाए कि जो लोग आज संसद और विधान सभाओं की “शोभा बढ़ा ” रहे हैं,वास्तव में इनसे देश के संविधान व उसकी मर्यादा की रक्षा व उसके सम्मान की कितनी उम्मीद की जाए ? और उम्मीद की भी जानी चाहिए या नहीं ? संसद में इस बार प्रज्ञा ठाकुर नाम का एक बहुचर्चित चेहरा “शोभायमान” है।इनके चर्चित होने का कारण यह है की आप मालेगांव बम ब्लास्ट मामले की आरोपी हैं। कई वर्षों तक जेल में रहीं और अब ज़मानत पर हैं। हालाँकि इनका व्यक्तित्व ही विवादस्पद था इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल से इन्हें अपना उम्मीदवार बनाते हुए चुनाव मैदान में उतारा। इनके बयानों को सुनकर ही इनकी “राष्ट्रभक्ति”,इनके विचार तथा देश व संविधान यहाँ तक कि देश पर अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों के बारे में इनके नज़रिये को समझा जा सकता है। प्रज्ञा ठाकुर ने अपने विवादित बयानों में एक बार यह कहा था कि ए टी एस प्रमुख हेमंत करकरे मेरे श्राप देने की वजह से मारे गए। मुंबई के आतंकी हमलों में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद होने वाले जांबाज़ आई पी एस ऑफ़िसर के बारे में “माननीय” के ऐसे विचार हैं। इन्हीं के मुखार बिन्द से यह “फूल” भी झड़े थे कि गाँधी का हत्यारा नाथू राम गोडसे राष्ट्रभक्त था,है और रहेगा। और अब ताज़ा तरीन बयान में उन्होंने भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान की खिल्ली उड़ाने के अंदाज़ में यह कहा है कि “हम नाली साफ़ करने के लिए सांसद नहीं बने हैं। हम आपके शौचालय साफ़ करने के लिए बिल्कुल भी संसद नहीं बनाए गए हैं।

“हालाँकि उनके बयानों को लेकर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अपनी नाराज़गी जाता चुके हैं। उन्हें सतर्कता बरतने की हिदायत भी दी जा चुकी है। परन्तु सोचने का विषय यह है कि इस तरह के बयान क्या अचानक या ग़लती से मुंह से बार बार निकलते रहते हैं या फिर ऐसे लोगों की वास्तविक वैचारिक मानसिकता को दर्शाते हैं? प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान ने जहाँ देश के सांसदों की स्वच्छ भारत अभियान में सक्रियता पर सवाल उठाया है वहीँ देश का सफ़ाई व्यवस्था से जुड़ा समाज भी स्वयं को अपमानित महसूस कर रहा है। क्या उपरोक्त शब्दावली किसी जनप्रतिनिधि की शब्दावली महसूस की जा सकती है? ज़रा सोचिये,जो “माननीय” शहीद का अपमान करे,प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना का मज़ाक़ उड़ाए और उसे अपमानजनक ठहराने की कोशिश करे,राष्ट्रपिता के हत्यारे का महिमामंडन करे, क्या ऐसे “माननीयों ” से राष्ट्र के प्रति वफ़ादारी की उम्मीद की जा सकती है।

समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के एक “माननीय विधायक” नाहीद हसन ने कैराना के मतदाताओं से यह अपील की कि वे कुछ दिन “भाजपा के दुकानदारों” से सामान न ख़रीदें,वे पानीपत शामली जाकर सामान लें मगर आसपास के भाजपा दुकानदारों से सामान न ख़रीदें। उन्हें इस तरह की अपील हरगिज़ नहीं करनी चाहिए थी। परन्तु वे अपने पूरे बयान में कहीं भी हिन्दू या मुसलमान शब्द का प्रयोग करते नहीं सुनाई दिए। उनके इस बयान को उत्तर प्रदेश शासन ने “भड़काऊ” बयान मानते हुए प्राथमिकी दर्ज कर दी है। विधायक के इस बयान को मीडिया द्वारा आनन् फ़ानन में साम्प्रदायिक रंग दे दिया गया। इस मुद्दे को लेकर टी आर पी का खेल शुरू हुआ। टी आर पी का खेल शुरू होते ही तेलंगाना के राजा सिंह नमक एक ऐसे भाजपा विधायक भी मैदान में कूद पड़े जिनका इतिहास ही साम्प्रदायिकता भड़काने का रहा है। राजा सिंह “माननीय विधायक ” ने फ़रमाया कि यदि यही काम हम लोग करेंगे तो आप जैसे लोग भूखे मर जाएंगे। यदि आप यू ट्यूब पर इन माननीय के “सदविचार” सुनें तो ख़ुद ही इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि इनके विचार देश की एकता,सद्भाव तथा देश की संवैधानिक भावनाओं के प्रति कैसे हैं?

शीर्ष राजनेताओं के बयान सुनिए,अपने विपक्षियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इनकी शब्दावली सुनिए तो आपको इन्हें “माननीय” कहते हुए भी शर्म महसूस होगी। और यदि इनकी “चरित्र की कुंडली” देख लीजिये फिर तो शायद इस व्यवस्था से ही विश्वास उठ जाए। कोई किसी को चोर कह रहा है तो कोई किसी को डाकू बताता है कोई कंस कहता है तो कोई दुर्योधन.कोई कहता है पाकिस्तान भेज दो तो कोई कहता है हत्या कर दो।हद तो यह है कि अनेक दिवंगत राजनेताओं को भी नहीं बख्शा जा रहा है। ऐसा लगता है कि”माननीयों ” द्वारा शिष्टाचार व सुसंस्कारों की तिलांजलि दे दी गई हो।संसद भवन में लोकसभा सदस्यों की शपथ ग्रहण के दौरान जिस तरह की धार्मिक नारेबाज़ी की गई,एक दूसरे को इसी बहाने नीचे दिखाने का जो प्रयास किया गया उसे भी दुनिया ने अच्छी नज़रों से नहीं देखा। भारतीय संसद अल्लाहुअक्बर,जय श्री राम व हर हरमहादेव के जयकारेलगाने का अड्डा हरगिज़ नहीं। परन्तु यह तमाशा भी पूरी दुनिया ने देखा। यह तमाशा पूरी तरह असंवैधानिक व “माननीयों” की गरिमा के विरुद्ध था। कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र के एक विधायक नितेश राणे एक इंजीनियर को पुल से बांधने व उस पर कीचड़ फेंकने जैसा “मारका फ़तेह” करते दिखाई दिए।

भाजपा के उत्तरांचल के एक दबंग विधायक चैंपियन सिंह पत्रकारों को धमकाते,अपमानित करते व हवा में अपना रिवाल्वर लहराते हुए अपने “माननीय” होने का सुबूत पेश करते हैं तो भाजपा के ही इंदौर के “माननीय ” आकाश विजयवर्गीय नगर निगम के अधिकारी की बल्ले से पिटाई करते हैं और बड़े गर्व से अपनी करतूतों पर तुकबंदी करते हुए फरमाते हैं कि अब यही होगा -“पहले आवेदन,फिर निवेदन और फिर दे दना दन ” । इस माननीय की गुंडागर्दी को प्रधानमंत्री ने भी गंभीरता से लिया था। इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेजा गया था। अफ़सोसनाक बात यह भी है कि “माननीय” के इस कृत्य के बाद इनके समर्थकों ने इन्हें फूल मालाओं से भी सुशोभित किया था और इनके समर्थन में जुलूस भी निकाला था।पिछले दिनों मध्य प्रदेश में ही भाजपा के एक पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह को इस लिए गिरफ़्तार किया गया था कि उन्होंने पहले तो भोपाल के एक निगम कर्मचारी से अपशब्द बोले व उसे धमकाया। इसके बाद “माननीय” ने एक प्रदर्शन के दौरान जनता से कहा की सड़कों पर ख़ून बहेगा, और यह ख़ून कमलनाथ (मुख्यमंत्री) का होगा। इसके बाद कांग्रेस के “माननीय “विधायक गिरिराज दण्डेतिया भला कैसे पीछे रहते। जवाब में उनहोंने विधानसभा परिसर में कहा की भाजपा के लोग यदि ख़ून बहाएंगे तो हम “गर्दन काट देंगे”। इन बयानबाज़ियों के चलते तीन दिनों तक विधान सभा की कार्रवाही भी बाधित हुई।

दरअसल देश की जनता वर्तमान संसदीय व्यवस्था में मौजूद ऐसे अनेक नेताओं से भरी हुई है जो बदज़ुबान,ज़मीर फ़रोश,बिकाऊ,सत्ता की भूख रखने वाले,सिद्धांतों व विचारधारा से विहीन तो हैं ही साथ साथ संविधान का सम्मान करना भी शायद इन्हें नहीं आता। ऐसे लोगों को यह भी नहीं पता की क्या संवैधानिक है और क्या असंवैधानिक। संसदीय व असंसदीय भाषाओँ के अंतर का भी इन्हें ज्ञान नहीं।आज पूरे देश में फैल रही हिंसा,भीड़ द्वारा हिंसक होने ,धार्मिक व जातीय वैमनस्य फैलाने के पीछे भी ऐसी ही मानसिकता के लोग हैं। ऐसे में इनसे संविधान के प्रति व संसदीय व्यवस्था की मन मर्यादा के प्रति वफ़ादारी की उम्मीद रखना वैसा ही है गोया -“हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद=जो नहीं जानते वफ़ा क्या है ”
:- निर्मल रानी

Nirmal Rani (Writer)
1885/2, Ranjit Nagar
Ambala City  134002
Haryana
phone-09729229728

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...