नई दिल्ली – केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का ताजा बयान नया विवाद खड़ा कर सकता है। उन्होंने पद्म पुरस्कारों को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पद्म पुरस्कारों के लिए लोग पीछे पड़ जाते हैं और इसके लिए उन्होंने मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख का उदाहरण दिया, जो लिफ्ट खराब होने के बावजूद 12वीं मंजिल पर सीढियां चढ़कर आ गईं थीं। उनके इस बयान से पुरस्कारों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं और विवाद बढ़ सकता है।
गडकरी ने कहा कि आशा पारेख पद्मभूषण पाने की उम्मीद में मुंबई में मेरे घर पहुंच गई थी। लिफ्ट खराब थी, फिर भी वह 12 मंजिलें चढ़कर आ गई थीं, जिसका उन्हें काफी बुरा लगा था। गडकरी ने दावा किया कि आशा पारेख ने उनसे कहा था कि ‘मुझे पद्मश्री मिला है, जबकि भारतीय सिनेमा में मेरे योगदान के लिए मुझे पद्मभूषण मिलना चाहिए था।’
दरअसल, गडकरी शनिवार शाम नागपुर में थे। यहां वह सेवा सदन संस्था की ओर से दिए जानेवाले रमाबाई रानाडे पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आए थे। यहीं पुरस्कारों को लेकर मराठी में उन्होंने जो भाषण दिया, उसमें यह विवादास्पद दावा किया। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों की वजह से अब सिरदर्द होने लगा है।
गुजरे जमाने की मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री आशा पारेख को 1992 में पद्मश्री मिला था। उनका नाम हिंदी सिनेमा की सफलतम अभिनेत्रियों की फेहरिस्त में शामिल है। पारेख ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार 1952 में फिल्म ‘आसमान’ से की थी। बाद में उन्होंने ‘कटी पतंग’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘दो बदन’, ‘प्यार का मौसम’, ‘बहारों के सपने’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं। 2002 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिला था।