पटना- बिहार में नीतीश कुमार सरकार की ओर से लागू किए गए शराबबंदी कानून को पटना हाईकोर्ट ने गैरकानूनी बताया है। एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शराबबंदी पर टिप्पणी की है। बिहार में शराब पर पूरी तरह बैन लगाया गया है। इस फैसले के आने के बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। कोर्ट के फैसले के बाद नीतीश की उस शराबबंदी की मुहिम को भी झटका लगा है, जिसके तहत नीतीश बिहार के बाद पूरे देश में शराबबंदी को लेकर अभियान चला रहे थे।
नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि जीतने पर वे शराब बैन कर देंगे। उन्होंने महिला संगठनों की मांग को सामने रखते हुए कहा था कि उसी के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। राज्य में न सिर्फ शराब बेचने , बल्कि शराब रखने और पीने पर भी पूरी तरह बैन लगाया गया था।
नीतीश ने कहा था- अडिग हैं शराबबंदी पर
नीतीश कुमार ने अगस्त में विधानसभा में कहा कि बिहार में शराबबंदी करने का मतलब बिढ़नी के छत्ते में हाथ डालना है और इसमें कुछ भी हो सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि शराबबंदी के मसले पर वो अडिग हैं और किसी भी सूरत में बिहार को नशामुक्त राज्य बनाकर ही दम लेंगे। हालांकि, तब बीजेपी ने इसे काला कानून और तुगलगी फरमान करार दिया। बीजेपी नेता नंदकिशोर यादव ने कहा था कि वो शराबबंदी के खिलाफ नहीं हैं क्योंकि शराब की वजह से उनकी बेटी विधवा हो गई। लेकिन जिस तरीके से नीतीश कुमार शराब पर पाबंदी लगा रहें है, इसका सबसे ज्यादा असर गरीब तबके पर पड़ेगा, पुलिस जिसको चाहेगी उसे अंदर कर देगी।