भागलपुर में बीते 40 साल से बन रही बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर योजना का बांध उदघाट्न के ठीक एक दिन पहले मंगलवार शाम को ही टूट गया। यह तो गनीमत रही कि बांध का पानी ग़ांव की तरफ नहीं आया। ये बांध कहलगाँव एनटीपीसी आवासीय एरिया सीआईएसएफ क्वाटर के नजदीक में करीब छह फीट टूटा है। एक बार जब नहर का पानी जवानों के क्वार्टर में घुसने लगा तो वहां अफरातफरी मच गई। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को इस बांध का उदघाट्न करने वाले थे। लेकिन अब यह कार्यक्रम टल गया है।
मालूम रहे कि इस योजना पर 389. 31 करोड़ रुपए खर्च हुए है। पीरपैंती के विधायक रामविलास पासवान ने बांध टूटने के वाकए को इंजीनियर और ठेकेदार के गठजोड़ का नतीजा बताया है। यह योजना लिफ्ट सिंचाई दर्जे की योजना है। इसके तहत भागलपुर के कहलगांव ब्लाक के शेखपुरा ग़ांव के नजदीक गंगानदी के तट पर स्थित कौआ व गंगा नदी के संगम के नजदीक पंप हाउस नंबर एक बनाया गया है। इससे आगे डेढ़ किलोमोटर शिवकुमारी पहाड़ी के नजदीक पंप हाउस नंबर दो बनाया है। इन दोनों से पानी को दो स्टेज पर 17 और 27 मीटर लिफ्ट कर मुख्य नहर व इससे निकली वितरण प्रणाली को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाना है।
इस योजना से भागलपुर ज़िले की 18620 हेक्टेयर और झारखंड के गोड्डा ज़िले की 22658 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी। यानि बिहार झारखंड दो राज्य को फायदा होगा। शुरआत में यह योजना 13.88 करोड़ रुपए की थी। 1977 में योजना आयोग ने इसकी मंजूरी दी थी।
बांध की दीवार टूटने से ज़िले के प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। और सभी में हड़कंप मचा है। और कोई भी अधिकारी शर्म से फोन रिसीव नहीं कर रहा। कहलगाँव के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इस खबर की पुष्टि की है।