पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ‘भूरा चूहा’ वाले बयान पर बिहार की सियासत गर्म होने लगी है। आज सीएम नीतीश कुमार ने जवाब देते हुए कहा ‘ऐसे घटिया शब्दों का इस्तेमाल हम नहीं करते हैं। भूरा चूहा उन्हीं को मुबारक हो। अब बिहार में भूरा के मायने निकाले जा रहे है. दरअसल 90 के दशक में जब लालू ने बिहार की सत्ता संभाली तो ‘भूरा बाल साफ करो’ जैसे बातें बिहार में कही जा रही थीं। जिसके कई सियासी और जातिगत मायने निकाले जा रहे थे। इस बार लालू ने कहा था कि भूरा चूहा बिहार के तटबंधों को खाए जा रहे हैं। बयान का संदर्भ क्या था इसे छोड़कर अब इसके मायने निकाले जा रहे हैं और बिहार में अगड़े-पिछड़े की सियासत का दौर एक बार फिर परवान चढ़ रहा है। इस बयान को अगड़ी जाति में शुमार भूमिहार राजपूत से जोड़कर देखा जा रहा है। विपक्ष ने तटबंधों में घोटाले का आरोप जलसंसधन मंत्री ललन सिंह पर लगाए थे।
इसका जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि नीतीश ने उनकी (लालू प्रसाद यादव) बातों का अब कोई नोटिस भी नहीं लेता है ,कोई वैल्यू नहीं है। उनकी पार्टी में उनके अलावा कोई दूसरा नहीं है। नीतीश ने कहा ‘घटिया शब्द बोलकर किस तरह अखबारों में आया जाता है ये उनको छात्र राजनीति जीवन से ही मालूम है। उनका परिवार इन दिनों त्रस्त है. पूरे परिवार को फंसा कर रख दिया है। हम तो वैसे आदमी नहीं है, हम घटिया शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते ,ये उन्हीं को मुबारक़ हो। अगले चूनाव में फिर बैक टू पैवेलियन हो जायेंगे’।
बता दें कि पिछले दिनों बिहार में बाढ़ को लेकर जलसंसधन मंत्री ललन सिंह का बयान आया था। इसमें तटबंधों को चूहा के छेद करने की बात कही गयी थी। इसके बाद अचानक बिहार की पॉलिटिक्स में चूहा ने दस्तक दी थी। इसके बाद तो विपक्ष चूहा पर हमलावर बन गया था, लेकिन अब लालू प्रसाद के नये बयान में चूहा ‘भूरा’ हो गया है। गौरतलब है कि बिहार की राजनीति ‘भूरा’ शब्द काफी फेमस है और इसे अग्रि जाति के सम्बोधन में लालू बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस्तमाल किया था।