पटना – जीतन राम मांझी के बिहार के मुख्यमंत्री आवास के बाग में लगे आम-लीची और कटहल तोड़ने पर लगी रोक के मामले में सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी। नीतीश कुमार ने कहा है कि अगर इस बारे में कोई सर्कुलर आया है, तो उसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘जहां तक बात आम, कटहल और लीची की है, तो मैं अपनी तनख्वाह से उन्हें (जीतन राम मांझी) फल खरीद कर भेजना चाहता हूं । उन्होंने मांझी का नाम लिए बिना कहा, ‘कुछ लोगों को बहुत कम समय में बहुत चीजों का मोह हो जाता है और वे उसे छोड़ना नहीं चाहते हैं।’
पत्रकारों के सवाल पूछने पर नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी सुबह अखबारों के जरिए मिली और उन्होंने डीजीपी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। मालूम हो कि पूर्व सीएम जीतन राम मांझी फरवरी में पद से हटाए जाने के बाद भी 1 अणे मार्ग स्थित सीएम आवास पर रह रहे हैं। सीएम आवास के बाग में लगे फलों की सुरक्षा में दो दर्जन पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
नीतीश कुमार का कहना था, ‘मुझे आवाम की चिंता है, आम की नहीं, जिन्हें आम की चिंता है, उन्हें रहे।’ साथ ही उन्होंने खुद का हवाला भी दिया कि उन्होंने पद छोड़ने के तुरंत बाद ही सीएम आवास खाली कर दिया था। नीतीश का कहना था कि कुछ ही समय बचा है। जनता जिसे चाहेगी उसे सीएम आवास तक पहुंचाएगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है, तो केंद्र सरकार उसमें अड़ंगा लगा रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने उनसे डेप्युटेशन पर अधिकारी मांगे हैं और उन्होंने दिए हैं। ऐसा पहली बार तो नहीं हो रहा है कि कोई राज्य सरकार दूसरी राज्य सरकार से सहायता मांग रही है। ऐसा पहले भी होता आया है। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली सरकार को अधिकारी भेजेंगे, इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
बिहार में पुलिस अधिकारियों की कमी होने के सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘जहां तक बात अधिकारियों की कमी की है, तो क्या उस वक्त केंद्र सरकार को यह बात याद नहीं आई थी, जब वे अपना पर्सनल सेक्रटरी रखने के लिए बिहार से अधिकारी ले जा रहे थे।’