निजामुद्दीन मरकज मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रिया पंडित ने याचिका दायर की थी। जम्मू की रहने वाली वकील सुप्रिया पंडिता द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि विदेशी प्रतिनिधियों समेत बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्र होने कि अनुमति कैसे दी गई, जबकि दुनिया भर में कोरोना महामारी का खतरा मंडरा रहा था।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने दायर अपने हलफनामे में कहा कि निजामुद्दीन मरकज मामले में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि मामले की जांच कानून के अनुसार की जा रही है और समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर सुप्रिया पंडित ने याचिका दायर की थी। जम्मू की रहने वाली वकील सुप्रिया पंडिता द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि विदेशी प्रतिनिधियों समेत बड़े पैमाने पर लोगों के एकत्र होने कि अनुमति कैसे दी गई, जबकि दुनिया भर में कोरोना महामारी का खतरा मंडरा रहा था।
याचिकाकर्ता ने कोरोनावायरस से लोगों के जीवन की सुरक्षा में लापरवाह रवैया अपनाने को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था। याचिका में दिल्ली और देश के लाखों नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने के लिए केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया गया था।
The Centre, in its affidavit filed before the Supreme Court, today, stated that there is no need for a CBI investigation in the Nizamuddin Markaz meet case.
— ANI (@ANI) June 5, 2020
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से निज़ामुद्दीन मरकज़ के आयोजन की सीबीआई जांच की मांग पर जवाब तलब किया था। केंद्र सरकार ने कहा कि निजामुद्दीन मरकज मामले में कानून के अनुसार लगातार जांच की जा रही है। समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
2600 विदेशी जमातियों के भारत आने पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने तबलीगी जमात की गतिविधियों में अवैध तरीके से शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों की भारत यात्रा पर 10 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। ये लोग टूरिस्ट वीजा पर आकर धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे।
सूत्रों ने कहा, करीब 2600 विदेशी नागरिकों पर कार्रवाई का फैसला पहले ही किया गया था। अब इन्हें दस साल के लिए बैन कर दिया गया। इन नागरिकों को वीजा नियमों का उल्लंघन करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
ब्लैकलिस्ट किए गए विदेशियों में नाइजीरिया, माली, म्यांमार, थाईलैंड, तंजानिया, केन्या, श्रीलंका, जिबूती, यूके, दक्षिण, अफ्रीका, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया और नेपाल के नागरिक शामिल हैं। तेलंगाना से लेकर यूपी-बिहार और झारखंड तक तमाम राज्यों में कई मस्जिदों से विदेशी जमाती मिले थे।