नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि असहिष्णुता के राजनीतिक मायने हो सकते हैं। इस पर लोग अलग-अलग ढंग से प्रतिक्रियाएं दे सकते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के होते हुए किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कानून के राज्य की संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से तत्पर है। संविधान की भावना के साथ किसी को खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। संसद से लेकर सड़क तक असहिष्णुता पर बहस चल रही है। कुछ लेखकों और अभिनेताओं को भारत का माहौल असहिष्णु नजर आ रहा है, वहीं कुछ लोगों की नजर में मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए प्रायोजित अभियान चलाया जा रहा है।
दिल्ली सरकार के ऑड-इवेन फॉर्मूले पर जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि, “जजों को सरकार के फैसले पर किसी तरह की आपत्ति नहीं है। हकीकत ये है कि दिल्ली की आबो हवा प्रदूषित हो चुकी है। वातावरण को साफ स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हर एक शख्स की है,जिसे केवल कागजों या आदेशों तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।” ऑड-इवेन फॉर्मूले पर चीफ जस्टिस ठाकुर के बयान के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रिया किया है। उन्होंने कहा कि जजों के कार पूलिंग के फैसले से लाखों लोग प्रेरित होंगे।