अमेठी: गर्मियों में पीने का पानी सबसे जरूरी है, लेकिन जनपद के भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल उपलब्ध नहीं है। जनपद में कुछ स्थानो को छोड़ दे प्याऊ की कही नही व्यवस्था करवाई नहीं गई है इसके कारण हर जगह लोग अपने प्यासे कंठ लिए भटक रहे हैं।तापमान बढ़ता जा रहा है। मुसाफिरों के कंठ सूखते जा रहे हैं, राहगीरों को बोतलबंद पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है उधर, सामाजिक संस्थाएं भी प्याऊ लगवाने में रुचि नहीं दिखा रही हैं सबसे ज्यादा बुरी स्थिति बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों में देखी जा सकती है सार्वजनिक स्थानों पर दिन भर हजारों राहगीरों का आवागमन रहता है ।
दुकानदार जमकर उठा रहे फायदा-
भीषण गर्मी में लोगों को ठंडे पानी की भारी जरूरत होती है। लोगों की इसी मजबूरी का फायदा दुकानदार उठा रहे हैं। दुकानों में नाश्ता व भोजन आदि करने के बाद लोगों को पीने के लिए गर्म पानी ही दिया जाता है। इसके बाद ग्राहकों से कहा जाता है कि यदि ठंडा पानी चाहिए तो बोतल या पाउच खरीदो। लोगों को कुछ खरीदने पर भी ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा है।
पानी पाउच,बोलत खरीदने की मजबूरी-
जनपद के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों में अभी तक प्याऊ की व्यवस्था नहीं होने से राहगीरों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। उन्हें मजबूरी में पानी पाउच और बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी तो बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थलों में उठानी पड़ती है। इसके बाद भी नगर पँचायत और समाजसेवी संस्थाएं इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
डिहाइड्रेशन का खतरा –
भीषण गर्मी के कारण डॉक्टर लोगों को अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं। डॉक्टरोंं का कहना है कि हीट स्ट्रोक होने पर मरीज को दवा लेने के साथ ही आराम भी करना चाहिए। हीट स्ट्रोक से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इस दौरान लापरवाही बरतने पर डिहाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे हालात में किसी भी तरह से शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। इसके साथ ही घर से बाहर निकलने से पहले कान अच्छी तरह से बांध लें।
मई की हीट मार रही स्ट्रोक –
मई में ही सूरज की तपन से लोगों को हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। दोपहर में अभी लू तो नहीं चल रही, लेकिन हल्की गर्म हवा के थपेड़े लोगों को झुलसाने लगे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में हीट स्ट्रोक के मरीज पहुंचने लगे हैं। डॉक्टर उन्हें गर्मी में बाहर कम निकलने और आराम करने की सलाह दे रहे हैं। जिले के ग्रामीण अंचल में पीने के पानी के भारी संकट के कारण लोग मजदूरी में दूषित पानी पीकर बड़ी संख्या में बीमार पड़ रहे हैं अस्पतालो में दूषित पानी और गर्मी से होने वाली मौसमी बीमरियों से पीडि़त मरीजों की संख्या में इलाफा हुआ है। यही कारण है कि इन दिनों सी एच सी की ओपीडी में आने वाले औसत मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार तेज गर्मी के चलते लोगों का शरीर तेजी से तपने लगता है और लोगों में कमजोरी के कारण चक्कर और बेहोशी आने जैसे हालात बनने लगते हैं।
40 से 42 डिग्री के बीच पहुचा पारा –
पिछले एक सप्ताह से लगातार मौसम का पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है इस साल मई में रिकॉर्ड गर्मी पड़ रही है।
धूप में झुलस रहे लाल –
भीषण गर्मी के बाद भी जिले में अभी भी निजी स्कूलों की कक्षाएं चल रही हैं। इन स्कूलों की छुट्टी दोपहर में होती है। इससे भीषण गर्मी के दौरान छोटे-छोटे वाहनों में छमता से अधिक बच्चों को भरने से वे गर्मी में झुलस रहे हैं। मासूम बच्चों की यह पीड़ न उनके अभिभावक समझ रहे हैं न स्कूल प्रबंधन और न ही वाहनों के मालिक।
प्याऊ से उमड़ता प्यार-
कल्पना करें, कोई पथिक दूर से कड़ी धूप मे चलता हुआ किसी गांव या शहर मे प्रवेश करता है, उसे खूब प्यास लग रही होती है। वह पानी की तलाश मे है, तब उसे कहीं प्याऊ दिखाई दे जाता है।जहां वह छक कर ठंडा पानी पीता है, उसकी आत्मा तृप्त हो जाती है। वह आगे बढता है बहुत सारी दुआएं देकर। यही दुआएं उसके दिल से निकली कभी निष्फल नहीं जाती। आज एक गिलास पानी भी बड़ी जद्दोजहद के बाद नसीब होता है। देखते ही देखते पानी बेंचना एक व्यवसाय बन गया। यह हमारे द्वारा किए गये पानी की बरबादी का ही परिणाम है। आज भले ही हम पानी बरबाद करना अपनी शान समझते हों, पर सच तो यह है का यही पानी एक दिन सबको पानी-पानी कर देगा।
रिपोर्ट@राम मिश्रा