भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह का कहना है कि आज (शनिवार) बाबा साहेब आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस यानि मुक्ति दिवस है। बाबा साहब आंबेडकर ने देश के लिए एक संविधान दिया, एक कानून दिया, एक कानून व्यवस्था दी, जिससे हमारा लोकतंत्र चलता है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि बाबा की मुक्ति के दिन बाबा के विचारों से मुक्ति के लिए देश कोशिश कर रहा है। मैं ये मानती हूं कि लोकतंत्र में सामाजिक व्यवस्था में आपके लिए हर एक कदम पर कानून है। न्याय व्यवस्था है तो उसका पालन करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह ने कहा कि जब आप भीड़तंत्र को अधिकार देंगे तो कोई भी सुरक्षित नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि, ‘अगर आप भीड़ को न्याय करने का अधिकार दें देंगे तो इस देश में कोई भी सुरक्षित नहीं होगा, आप भी सुरक्षित नहीं है मैं भी सुरक्षित नहीं हूं, कोई भी सुरक्षित नहीं है, जब भी भीड़तंत्र को लिंचिंग को जगह देंगे उसकी तारीफ करेंगे, तो उसका सबसे पहला शिकार गरीब तबके के लोग होंगे, गरीब इंसान होगा, वो वर्ग होगा जिसकी तरक्की के लिए जिसके उत्थान के लिए बाबा साहब लड़ते रहे। जिसके उत्थान के लिए हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी।’
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी ने कहा कि वो इस मामले को इस मामले को राजनीति से जोड़कर नहीं देख रही हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी आम महिला को दर्द होता है तो मुझे भी दुष्कर्म की घटनाएं सुनकर तकलीफ होती है। कोई इस तरह के मामलों की तारीफ नहीं कर सकता है। मुझे भी बहुत दर्द है।
हालांकि उन्होंने ताकीद की कि यदि इसी तरह से न्याय करने की बारी आई तो कानून व्यवस्था का क्या होगा, न्याय व्यवस्था का क्या होगा ये सवाल है।