नई दिल्ली [ TNN ] भारत और पाकिस्तान के शांति के नोबेल प्राइज शेयर करने के दिन सीमा पर 9 दिनों से चल रही तनातनी के बाद बंदूकें शांत पड़ गई हैं। गुरूवार और शुक्रवार रात को जम्मू में 190 किलोमीटर लंबी भारत-पाक सीमा पर तनाम में कमी देखने को मिली और किसी तरह की कोई भारी गोलीबारी नहीं की गई। गुरूवार रात को पाक सैनिकों ने कठुआ में बीएसएफ की चार चौकियों को निशाना बनाकर फायरिंग की थी। यह फायरिंग 20 मिनट के लिए चली और उसके बाद पाकिस्तान की ओर से किसी तरह की फायरिंग नहीं की गई। पिछले तीन दिनों से एलओसी पर भी शांति देखने को मिली है।
बीएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान फायरिंग नहीं कर रहा है तो हमने भी हमारी बंदूकें शांत कर दी हैं, हम लोग पहले भी कह रहे थे कि हम लोग केवल पाकिस्तानी फायरिंग का जवाब दे रहे हैं।
इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील की थी और साथ ही भारत को कहा था कि वह सीमा की संवेदनशीलता का सम्मान करे।
मंगलवार और बुधवार को भारत और पाकिस्तान के बीच भारी गोलीबारी हुई थी। पाकिस्तान ने बीएसएफ की 60 चौकियों पर गोलीबारी की और भारत ने पाकिस्तान की ओर करीब 1000 मोर्टरार दागे थे। दोनों देशों में सीज फायर के समझौते के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी गोलीबारी हुई थी। नौ दिनों तक चली इस तनातनी में आठ लोगों की मौत हो गई और करीब 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए।