25.1 C
Indore
Sunday, December 22, 2024

बेलगाम ध्वनि प्रदूषण:नियंत्रण ज़रूरी

हमारे देश में आम जनता स्वतंत्रता को कुछ अपने ही तरीके से परिभाषित करने में लगी रहती है। आज़ादी का अर्थ पराधीनता से छुटकारा और मानसिक,सामाजिक तथा राजनैतिक स्वतंत्रता के बजाए कुछ इस तरह समझा जाता है गोया हम इस कद्र आज़ाद हैं कि जब और जहां चाहें जो चाहें वह कर सकते हैं। देश भर में होने वाले तरह-तरह के अपराध इसी मानसिकता का प्रमाण हैं। परंतु दरअसल ऐसी स्वतंत्रता को तो स्वतंत्रता कहा ही नहीं जा सकता जो दूसरों के लिए दु:ख-तकलीफ,परेशानी या द्वेष,वैमनस्य,हिंसा आदि का कारण बने। हमारे देश में धार्मिक स्वतंत्रता दुनिया के अन्य देशों से भी अधिक हासिल है। प्रत्येक भारतवासी अपनी किन्हीं भी धार्मिक गतिविधियों को अपने धार्मिक व पारंपरिक रीति-रिवाज,श्रद्धा,विश्वास तथा पूरे उत्साह के साथ कभी भी कहीं भी मना सकता है। तो क्या इस आज़ादी का यह मतलब भी निकाल लेना चाहिए कि आपको मिलने वाली धार्मिक स्वतंत्रता दूसरों के लिए परेशानी का सबब बन जाए? क्या किसी भी धर्म या समुदाय के लोगों को यह अधिकार हासिल है कि वह अपनी धार्मिक स्वतंत्रता पर अमल करते हुए दूसरे लोगों को परेशान करें या उन्हें कष्ट पहुंचाएं? निश्चित रूप से स्वतंत्रता की परिभाषा यह कतई नहीं हो सकती। क्योंकि यदि आपको अपने किसी धार्मिक या सामाजिक आयोजन को करने की स्वतंत्रता है तो दूसरे देशवासी को भी सार्वजनिक मार्गों से सुचारू रूप से गुज़रने,चैन-सुकून से शांति के साथ जीने तथा प्रदूषण मुक्त वातावरण में सांस लेने की आज़ादी है। और जब इसमें टकराव की स्थिति पैदा होती है तो समाज में बेचैनी भी बढ़ती है और यही बातें सामाजिक विद्वेष का कारण भी बन जाती हैं। इतना ही नहीं बल्कि ऐसी विवादित बातें कभी-कभी हिंसा का रूप भी धारण कर लेती हैं।

बढ़ता ध्वनि प्रदूषण भी हमारे देश की ऐसी ही एक प्रमुख समस्या का रूप धारण कर चुका है। देश में कई प्रमाण ऐसे हैं जिनसे यह पता लगता है कि धार्मिक स्थलों में बजने वाले लाऊड स्पीकर्स की सहायता से कई जगह दंगे भडक़ाए गए,लोगों को गलत सूचनाएं देकर धर्म विशेष के लोगों को इसी माध्यम से भडक़ाया गया। जबकि वास्तव में वैज्ञानिकों द्वारा इस यंत्र की खोज आम लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से की गई थी। आज भी रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड,हवाई अड्डा,मेला आदि जैसी जगहों पर आम लोगों के कल्याण तथा सुविधा के लिए इसका उपयोग हर समय किया जाता है। परंतु क्या इन्हीं सार्वजनिक स्थलों की ही तरह धार्मिक स्थलों पर भी लाऊड स्पीकर का उपयोग करना उतना ही ज़रूरी है? क्या लोगों को यह जताना या चेताना ज़रूरी है कि भगवान,ईश्वर,अल्लाह या वाहेगुरु उन्हें पूजा-पाठ,नमाज़,प्रार्थना आदि के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। क्या एक धार्मिक प्रवृति के किसी भी व्यक्ति को स्वयं ही इस बात का एहसास नहीं होता कि उसे किस समय अपने धर्मस्थान में जाकर अपने प्रभु के समक्ष शीश झुकाना या अरदास करनी है। आखिर उसे चीख-चीख कर बताने की क्या ज़रूरत है कि अमुक धर्मस्थल में आओ या वहीं बैठकर ईश्वर की वाणी सुनो?

भारतवर्ष का सभी धर्मों का जागरूक बुद्धिजीवि तथा जि़ मेदार वर्ग धर्म के नाम पर सडक़ों पर जाम लगाने,आए दिन जुलूस,धार्मिक समागम, जलसा,नमाज़-ए-जुमा,रात्रि जागरण जैसे कार्यक्रमों को सडक़ों पर लेकर आने के पूरी तरह खिलाफ है। परंतु अफसोस तो इस बात का है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी वैज्ञानिक व सामाजिक दृष्टिकोण के चलते इस तरह की बात करता है तो उसे धर्म विरोधी या नास्तिक करार दे दिया जाता है। देश के कई उच्च न्यायालय यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय भी ध्वनि प्रदूषण के विषय पर कई बार दिशा निर्देश जारी कर चुके हैं। उनकी समय सीमाएं तथा आवाज़ की बुलंदी की सीमा आदि सबकुछ निर्धारित किए जा चुके हैं। परंतु राज्य सरकारें ऐसे अदालती आदेशों को लागू करवाने में प्राय: असमर्थ रही हैं। संभवत: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पहली बार यह जि़ मा उठाया है कि वह ध्वनि प्रदूषण के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करे। गत् दिनों उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के मु य सचिव द्वारा राज्य के समस्त जि़लाधिकारियों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने-अपने जि़लों में सर्वेक्षण कर यह पता लगाएं कि धर्मस्थलों में प्रयोग होने वाले लाऊड स्पीकर प्रशासन से अनुमति लेने के बाद प्रयोग किए जा रहे हैं अथवा नहीं और वे लाऊड स्पीकर लगाने के लिए सभी ज़रूरी मानकों का पालन कर रहे हैं अथवा नहीं।

आज की तेज़ रफ़्तार जि़ंदगी में वैसे भी आए दिन सडक़ों पर बढ़ते हुए लाखों वाहन,बढ़ती जनसं या तथा बढ़ता शहरीकरण व औद्योगीकरण ध्वनि प्रदूषण बढ़ाने के लिए खुद ही काफी है। विकास संबंधी रफ़्तार से जुड़े इस प्रदूषण को रोक पाना तो शायद संभव नहीं परंतु आम जनता यदि चाहे तो सरकार व अदालतों को सहयोग देकर गैर ज़रूरी प्रदूषण तथा स्वार्थपूर्ण अतिक्रमण से तो देश की जनता को मुक्ति दिला ही सकती र्है। आखिर किस घर-परिवार के बच्चे स्कूल या कॉलेज में नहीं जाते? किस घर में बुज़ुर्ग या बीमार संरक्षक नहीं होते? क्या इन लोगों को किसी भी धर्मस्थल या किसी दूसरे आयोजन में सारी रात होने वाला शोर शराबा पसंद आता होगा? यह भी तो सोचने का विषय है कि आज तक विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय इस विषय पर समय-समय पर अपनी जो भी राय व्यक्त करते रहे हैं इन मामलों में आखिर कोई न कोई वादी तो ज़रूर है जो ऐसी बेलगाम आज़ादी के विरुद्ध खड़ा होकर अदालत का दरवाज़ा खटखटाने का साहस करता है? साफ है कि उसे ऐसे बेलगामकिस्म के तथाकथित ‘आज़ाद’ लोगों से अपनी आज़ादी पर $खतरा मंडराता दिखाई देता है। कितना बेहतर हो यदि स्वयं को धार्मिक कहलवाने का शौक पालने वाले यही लोग जागरूकता का परिचय देते हुए $खुद ही धर्मस्थलों पर बजने वाले लाऊड स्पीकर्स को या तो हटा दें अथवा वहां बड़े हार्न या टंपर इस्तेमाल करने के बजाए ऐसे स्पीकर्स का इस्तेमाल करें जिनकी ध्वनि उसी धर्मस्थान की चहारदीवारी तक ही सीमित रहे।

इस विषय पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अदालती आदेशों पर अमल करने में जो गंभीरता दिखाई है पूरे देश की सभी राज्य सरकारों को बिना किसी अदालती आदेश की प्रतीक्षा किए हुए इसी प्रकार के दिशा निर्देश जारी करने चाहिएं। ध्वनि प्रदूषण की सीमाएं,इसका समय तथा मापदंड निर्धारित होने चाहिए। कभी-कभार होने वाले किसी भी आयोजन में भी प्रशासन की अनुमति के बिना तथा ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण वाले मापदंडों का पालन किए बिना उन्हें अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। समाज के सभी धर्मों के सभी सदस्यों को यह समझना होगा कि उनकी धार्मिक स्वतंत्रता की ही तरह समाज के दूसरे लोगों को भी चैन व सुकून से जीने की स्वतंत्रता है। यदि सामाजिक स्तर पर परस्पर सूझ-बूझ के साथ इन बातों का समाधान निकल आए तो न तो किसी को एक-दूसरे की आलोचना करनी पड़े न किसी को अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़े न ही कोई भक्त अथवा दु:खी व्यक्ति एक-दूसरे को आस्तिक व नास्तिक होने के प्रमाण पत्र बांटने के लिए मजबूर हों। परंतु ऐसी सोच कायम करने के लिए भारतीय समाज में तथाकथित धार्मिक उत्साह व समपर्ण से अधिक ज़रूरत सामाजिक जागरूकता की है। देखना होगा ऐसे दिन हमारे देश में कब आते हैं?

निर्मल रानी

अंबाला की रहनेवाली निर्मल रानी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हैं, पिछले पंद्रह सालों से विभिन्न अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र पत्रकार एवं टिप्पणीकार के तौर पर लेखन कर रही हैं।

Related Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...