योगी आदित्य नाथ के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बलदेव सिंह आलोख लाइव टीवी पर वंदे मातरम नहीं गा पाए। डिबेट के दौरान लगभग छह मिनट तक एंकर यहीं बोलता रहा कि मैंने डिबेट बीच में ही रोक दी है और आप मुझे वंदे मातरम गाकर सुना दीजिए। लेकिन बलदेव की तरफ से लगातार कोई ना कोई बहाना बनाया जाता रहा।
एंकर बार-बार सुनाने का आग्रह कर रहा था लेकिन बलदेव का जवाब यह था – टेलीफोन पर सुना दूंगा, मैं आपको सुना दूंगा, इनका (मौलाना) सर्टिफिकेट नहीं लेना, सीधा-सीधा सुना दूंगा, हम आपको सुना देंगे चिंता मत कीजिए। अंत तक वह वंदे मातरम सुनाने को राजी नहीं हुए। आखिर में एंकर ने बार-बार कहा कि बलदेव जी आपको वंदे मातरम आता ही नहीं है। इसपर भी बलदेव कुछ नहीं बोले।
डिबेट में साक्षी महाराज और एक मौलाना भी शामिल थे। साक्षी महाराज ने बलदेव को निशाने पर लेते हुए कहा कि राष्ट्र गान और राष्ट्रगीत देश की आत्मा हैं और जिनको नहीं आता उन्हें सबसे पहले इसे सीखने का प्रयास करना चाहिए। इस पर बलदेव भी सिर हिलाते हुए दिखे। मौलाना ने भी बलदेव पर तंज कसते हुए कहा कि उनको मुल्क से प्यार नहीं है इसलिए वह नहीं गा रहे हैं।
किस बात पर हो रही थी डिबेट: यह बहस मुंबई के म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) द्वारा निगम के स्कूलों में राष्ट्रगीत वंदे मातरम को जरूरी बनाने के फैसले पर हो रही थी। इस फैसले के बाद बीजेपी ने कहा कि महाराष्ट्र के सभी स्कूलों में वंदे मातरम जरूरी होना चाहिए। शिव सेना और बीजेपी ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया। जिसने हाल में वहां के सभी स्कूलों में वंदे मातरम को जरूरी किया था।