हैदराबाद – ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य (एआईएमपीएलबी) अब्दुल रहीम कुरैशी ने कहा कि रामजन्म भूमि अयोध्या में नहीं पाकिस्तान में है। कुरैशी के इस बयान के बाद एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। वह अपनी किताब ‘अयोध्या का तनाजाह’ (अयोध्या का विवाद) के विमोचन के मौके पर ओल्ड सिटी में बोल रहे थे।
किताब का विमोचन करते हुए एमआईएम के अध्यक्ष असदउद्दीन औवैसी ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार होने के कारण बाबरी मस्जिद के विध्वंस के मामले में न्याय की उम्मीद धुंधली हो गई है। कुरैशी ने बताया कि किताब में उन्होंने आर्कियोलॉजिस्ट जासू राम के रिसर्च पेपर को प्रकाशित किया है, जिसमें आर्कियोलॉजिस्ट ने कहा था कि अयोध्या राम का जन्म स्थान नहीं है।
उनका जन्म पूर्व में रामडेरी कही जाने वाली जगह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद इसका नाम बदलकर रहमानडेरी कर दिया गया था। कुरैशी ने कहा कि वास्तविक रामजन्मभूमि संभवत: हड़प्पा में होगी, जो अब पाकिस्तान में है।
कुरैशी ने दावा किया कि अब तक अयोध्या में तीन बार खुदाई हो चुकी है, लेकिन अभ तक वहां से राम के जुड़े होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि क्राइस्ट से कई शताब्िदयों पहले अयोध्या में किसी सभ्यता के होने के सबूत नहीं हैं।
इस दौरान ओवैसी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने और लालकृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण देने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि 5 दिसंबर 1992 में भड़काऊ भाषण दिया था। इसके एक दिन बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस हुई थी, जिसके चलते सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। – एजेंसी