केवल किसी अपराध के आरोपी ही लखनऊ की जेल में रातें नहीं बिताते हैं बल्कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी इच्छा से ऐसा करते हैं। ऐसा लोग अपनी कुंडली के जेल योग से छुटकारा पाने के लिए करते हैं। बेशक आपको यह जानकर हैरानी हो लेकिन इस काम में जिला प्रशासन भी उनका पूरा साथ दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट में ऐसा ही एक किस्सा सामने आया हैं।
गोमतीनगर के 38 साल के व्यापारी रमेश सिंह ने जो इस साल मई में लॉकअप के अंदर 24 घंटे बिता चुके हैं।सिंह ने बताया, ‘मेरी कुंडली देखने के बाद मेरे पारिवारिक ज्योतिषी ने बताया कि मेरा जेल योग है जो भविष्य में मुझे किसी परेशानी में डाल सकता है।
यह सुनने के बाद परिवार के सभी लोग डर गए। इसके बाद ज्योतिषी ने सुझाव दिया कि यदि मैं बिना किसी अपराध के जेल में कुछ समय बिताता हूं तो यह खतरा टल जाएगा।’ इसके बाद सिंह ने अप्रैल के आखिरी हफ्ते में जिला प्रशासन को एक आवेदन के साथ कुंडली भेजी।सिंह के कागजों का निरीक्षण करने के बाद उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन की जेल में 24 घंटे बिताने की इजाजत दे दी गई।
ज्योतिषी की सलाह के अनुसार रमेश ने अंडरट्रायल अपराधियों वाले सभी नियमों का पालन किया। यहां तक कि उन्हें परोसा जाने वाला खाना तक खाया। उन्होंने कहा, ‘मैंने भगवान से प्रार्थना की कि वह मेरे पापों को क्षमा करें और मुझे सही राह पर चलने में मदद करें ताकि मैं कभी कोई अपराध ना करूं।’लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि उनके कार्यालय में हर साल दो दर्जन ऐसे मामले आते हैं।
उन्होंने कहा, ‘आवेदनकर्ता हमसे जेल में 24-48 घंटे बिताने की मांग करते हैं। चूंकि केवल अदालत से जेल की सजा मिल सकती है। इसी वजह से ऐसा आवेदन करने वालों को लॉकअप में रहने की मंजूरी दी जाती है।’जिलाधिकारी ने कहा, ‘ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जो हमें बिना किसी अपराध के किसी शख्स को लॉकअप में रखने की इजाजत देता हो लेकिन हम धार्मिक आधार पर इस तरह के अनुरोधों को मान लेते हैं।
यह सुनिश्चित करने के बाद की जेल जाने का मकसद पूरी तरह से धार्मिक है, महत्वपूर्ण दस्तावेजों जिसमें कुंडली भी शामिल है, उसकी गहन जांच के बाद यह इजाजत दी जाती है।’रमेश की ही तरह अंकित चतुर्वेदी भी जेल योग की वजह से जनवरी में जेल यात्रा कर चुके हैं।
अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे लॉकअप में जिंदगी का एक महत्वपूर्ण सबक मिला। बहुत कम संसाधनों में भी जिंदगी जी जा सकती है। मैं फर्श पर सोया, पानी पिया जो मैं कभी नहीं पीता, उस खाने को खाया जिसे मैं देखता तक नहीं और 24 घंटों के दौरान हर एक सांस को गिना। बाहर आने के बाद जब आरती की थाल और कुमकुम लेकर माता-पिता और बहन उन्हें लेने के लिए आए तो उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे।’
प्रसाशन ने किया खंडन – मीडिया में खबरों के बाद प्रशासन ने इस खबर का खंडन भी किया है सूत्रों के अनुसार कलेक्टर को इस बात पर आपत्ति है की उनके नाम से खबर चलाई गए है लेकिन उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है बहराल जो भी हो लेकिन खबरों के लिए अलग लग तर्क दिए जा रहे है