अमेठी : भारत के मंदिर ,प्राचीनता और मान्यताओ के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है और दुनिया के प्राचीन जीवन्त मंदिरो में देवी हिंगलाज का नाम सर्वोपरि है। भारतीय उपमहादीप में आदि शक्ति के नाम से जानी जाने वाली देवी माँ हिंगलाज का मंदिर अमेठी के दादरा गाँव में स्थित है। जहाँ श्रद्धालु दूर दराज से दर्शन के लिए आते है।
हिँगलाज मंदिर की स्थापना सँत कवि बाबा पुरषोत्तम दास ने लगभग हजार वर्ष पूर्व में की थी। जो सन्त तुलसीदास जी के समकालीन थे और तुलसीदास जी बाबा पुरषोत्तम दास से मिलने के लिए प्रायः दादरा गाँव आया करते थे।
पाकिस्तान में यहाँ स्थित है मंदिर
वही पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रान्त के ल्यारी जनपद के हिंगुल पर्वत पर माता हिँगलाज का धाम है। जो मुख्य शहर कराची से 250 किलो मीटर दूरी पर है।
हिन्दू मुस्लिम एक साथ टेकते है मत्था
बलोच वासियो के लिये यह मंदिर समान रूप से महत्वपूर्ण है। हिँगलाज माता के मेले में केवल हिन्दू श्रद्धालु ही नही मुसलमान भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते है।
हिंदुस्तान की माँ और पाकिस्तान की नानी मॉ हिंगलाज भवानी
जहाँ हिन्दुस्तान में भक्त हिँगलाज देवी को ”माँ” कहकर पुकारते है। वही पाकिस्तान में मुसलमान ” नानी का मंदिर ”कहते है। जानकारी के अनुसार यही कभी गुरु नानक देव ने भी मत्था टेका था। 52 सिद्ध पीठो में अग्रणी माँ देवी हिँगलाज आज भी भारत पाकिस्तान की आपसी प्रेम सद्भाव एवम् श्रद्धा की प्रतीक है।
रिपोर्ट@राम मिश्रा