जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा, ‘हमने आज से ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। अगर कोई COVID-19 दिशा निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसे कोरोना वॉरियर्स के कर्तव्यों का पालन करना होगा। उन्हें अस्पतालों में और पुलिस चेक पोस्ट पर तीन दिनों तक वालंटियर के रूप में काम करना होगा।
कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए मध्यप्रदेश को ग्वालियर में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं लगाने वालों के लिए ‘अनोखी सजा’ का प्रावधान किया गया है।
ग्वालियर में सार्वजनिक स्थानों पर COVID-19 की रोकथाम के दिशा निर्देशों और मास्क का उल्लंघन करते हुए पाए गए लोगों को 3 दिनों के लिए अस्पतालों और पुलिस चौकियों में वालंटियर के रूप में काम करना होगा।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रविवार को कोरोना के 64 नए मरीज सामने आए और संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 528 हो गया है। यह एक दिन में अब तक सबसे ज्यादा आंकड़ा है।
इसे देखते हुए ही यह आदेश जारी किया गया है कि अगर सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना से रोकथाम के लिए लागू दिशानिर्देशों का कोई पालन नहीं करता है तो उसे तीन दिनों तक कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम करना होगा।
इस संबंध में एक आदेश जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा ‘किल कोरोना’ अभियान के संबंध में अधिकारियों के संग बैठक के बाद जारी किया गया।
उन्होंने कहा, ‘हमने आज से ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। अगर कोई COVID-19 दिशा निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसे कोरोना वॉरियर्स के कर्तव्यों का पालन करना होगा। उन्हें अस्पतालों में और पुलिस चेक पोस्ट पर तीन दिनों तक वालंटियर के रूप में काम करना होगा।
‘किल कोरोना अभियान’ 1 जुलाई को शुरू किया गया था। इसके तहत COVID -19 रोगियों का पता लगाने के लिए राज्यभर में 15 दिनों के लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण किया जा रहा है। डोर टू डोर सर्वे के लिए राज्यभर में कुल 11,458 सर्वे दल तैनात हैं।
ये टीमें नॉन-कॉन्टैक्ट थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और आवश्यक सुरक्षात्मक गियर से लैस हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 14930 है और अब तक 608 लोगों की जान जा चुकी है।