निसंदेह, अब जल्दी ही ‘वैक्सीन’ का वितरण राहत की एक बड़ी खबर और नए साल 2021 का एक लाजवाब तोहफा है। हालांकि सबसे बड़ा प्रदेश होने के नाते उत्तर प्रदेश में चुनौतियां अधिक हैं। हालांकि, इससे परिचित योगी सरकार भी मुस्तैद है।
वैक्सीन की कोल्ड चैन को बरकरार रखने और उसके उचित रखरखाव के निर्देश भी दिए जा चुके हैं। वैक्सीन भी पर्याप्त है। ताकि अभियान में कोई आपाधापी ना होने पाए। मार्च- 2020 में कोरोना की दस्तक के साथ ही योगी सरकार ने जिस तरह मैनेजमेंट संभाला है। उससे इसकी कोई आशंका तो नहीं दिख रही। तब लॉकडाउन के समय, घर बैठे 40 लाख से ज्यादा प्रवासियों की पहचान, पंजीकरण और उनके खाने-पीने की चिंता भी करनी थी। कारोना पीड़ितों के इलाज और बचाव के इंतजाम भी देखने थे। सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी, तभी 5.85 लाख कारोना संक्रमितों में से 5.63 लाख लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 15 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग कराई जा चुकी है। इसमें संदिग्ध मिले 2.3 करोड़ लोगों का कोरोना टेस्ट भी कराया गया है।
प्रदेश सरकार ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के बूते इनके खिलाफ बेमिसाल लड़ाई लड़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसकी सराहना कर चुका है।
दरअसल योगी आदित्यनाथ पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने कोरोना वायरस से निपटने के लिए न सिर्फ उच्च स्तरीय अफसरों की टीम- 11 गठित की बल्कि खुद उसकी नियमित समीक्षा आज भी कर रहे है
मुख्यमंत्री योगी ने उसी कहावत को चरितार्थ किया, जहां कुछ करने की इच्छा हो, तो अतिविकट परिस्थितियों में भी राह निकल आती है। तभी प्रदेश में पिछले 10 दिन से संक्रमण के मामले 1000 के नीचे आ चुके हैं, फिर भी ये नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना ने ही 8000 से ज्यादा प्रदेशवासियों को हमसे छीना है। और यह भी याद रखे की यू0के0 से चोला बदल कर जो कोरोना का नया स्टैंन आया है, उसके तो मरीजों में कोई लक्षण भी नहीं दिखते है। मेरठ और नोएडा में मिले मरीज इसके गवाह हैं। इसलिए टीकाकरण के बावजूद सबको सतर्क रहना है।
नए साल का सबसे बड़ा तोहफा यह वैक्सीन है। क्योंकि वैक्सीन का देश की जनता बेसब्री से इंतजार कर रही है। यह बेसब्री इसलिए और बढ़ गई है, क्योंकि अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों में टीकाकरण शुरू हो चुका है। अच्छी बात यह है कि सिरम इंस्टीट्यूट के साथ-साथ अन्य कंपनियों की भी वेक्सीन मंजूरी के इंतजार में है। इन्हें भी मंजूरी मिलने से टीकाकरण के अभियान में गति देने में मदद मिलेगी, इसे गति देने की जरूरत भी होगी क्योंकि देश में पहले चरण में 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है। क्योंकि यह एक बड़ी संख्या है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि इन सभी को वैक्सीन लगाने में समय लगेगा। यह टीकाकरण अभियान सही तरीके तरह से चले और पात्र लोग ही बिना किसी परेशानी और गफलत के उससे लाभान्वित हो, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ सभी संबंधित विभागों को गंभीरता का परिचय देना होगा। ऐसा कोई अभियान तभी सफल हो सकता है, जब उसमें शामिल लोग हर स्तर पर तालमेल कायम करेंगे।
उम्मीद है कि ऐसा ही होगा और यह अभियान पूरी दुनिया में एक मिसाल बनेगा। इस उम्मीद के बाद भी अभी कुछ समय तक, धैर्य धारण करने और कोरोना के संक्रमण से बचे रहने की जरूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी, क्योंकि वैक्सीन की दूसरी खुराक के उपरांत ही लोगों का शरीर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने की क्षमता से लैस हो जाएगा। साफ है कि यह मानकर नहीं चला जाना चाहिए कि टीकाकरण शुरू होते ही इस भीषण महामारी से पीछा छूट जाएगा, उसका असर कम होना शुरू हो जाएगा, लेकिन उससे मुक्ति पाने में समय लग सकता है। टीकाकरण शुरू होने के बाद भी सतर्कता का परिचय देने की आवश्यकता इसलिए भी होगी क्योंकि कोरोना वायरस ने बदले रूप में भारत में भी दस्तक दे दी है।
(शाश्वत तिवारी)