नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने बाबुओं को उपहार स्वीकार करने के नियम में थोड़ी ढील दी है। अब नौकरशाह शादी जैसे आयोजन पर रिश्तेदारों और निजी दस्तों से सरकार को सूचित किए बिना 25 हजार रुपये मूल्य तक के उपहार ले सकेंगे । दूसरे लोगों से गिफ्ट लेने के मामले में यह सीमा 5 हजार की होगी। ऑल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) रूल, 1968 में गिफ्ट को लेकर नियमों में किए गए बदलाव के मुताबिक 5 हजार के उपहार में मुफ्त ट्रांसपोर्टेशन, बॉर्डिंग और होटेल आदि में रुकने की व्यवस्था शामिल हैं।
पुराने नियम के मुताबिक, बाबुओं को अपने परिवार के सदस्यों और निजी दोस्तों से 5 हजार से ज्यादा कीमत के उपहार लेने पर सरकार को सूचित करना पड़ता था, जबकि दूसरों के मामले में यह सीमा एक हजार रुपये ही थी।
नए नियम के अनुसार, सर्विस में रहते हुए ऐसे नजदीकी रिश्तेदारों और निजी दोस्तों से उपहार ले सकते हैं जिनसे किसी भी तरह की ऑफिशल डीलिंग न हो। इसमें कहा गया है कि शादी, वर्षगांठ, श्राद्ध कर्म और धार्मिक कार्यक्रमों के ऐसे अवसर जिनमें उपहार लेने की धार्मिक और सामाजिक परंपरा है, ऐसा किया जा सकता है। हालांकि, उपहार की कीमत 25 हजार रुपये से ज्यादा होने पर तुरंत सरकार को सूचित करना होगा।
रिश्तेदार और दोस्तों से इतर लोगों से उपहार लेने के बारे में कहा गया है कि कोई भी सदस्य सरकार की मंजूरी के बिना 5 हजार से ज्यादा कीमत के गिफ्ट नहीं लेगा। हालांकि, यह नियम खाने, लिफ्ट या दूसरे सामाजिक सत्कारों के मामले में लागू नहीं होगा। इस नियम के दायरे में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी आते हैं।