नई दिल्ली- पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि सरकार लगभग 40 फीसदी ऐसे परिवार, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं है, को ईएमआई पर गैस कनेक्शन देने की योजना बना रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर कर रहे परिवारों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराएगी।
प्रधान ने यहां शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अगले 1 अप्रैल से देश भर के बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए बजट से प्रति कनेक्शन 1600 रुपये मिल रहे हैं, जिसमें से सिलेंडर और रेगुलेटर की राशि निकल जा रही है। इसके अलावा कनेक्शन चार्ज, इंस्टालेशन चार्ज एवं बुकलेट आदि के लिए अभी जो चार-पांच सौ रुपये लिये जाते हैं, उस खर्च को भी इसी राशि में मिला दिया जाएगा।
इसके अलावा गैस चूल्हा के लिए 1000 रुपये एवं पहली बार गैस रिफील का भी करीब 500 रुपये देना पड़ता है। ऐसी योजना है कि बीपीएल परिवारों को यह भी कनेक्शन के साथ ही दे दिया जाए और इसकी राशि ईएमआई के रूप में ली जाए। कनेक्शन लेने वालों के जिस खाते में रसोई गैस सब्सिडी की रकम जाती है, उसी खाते से यह रकम काट ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसी तरह गरीबी रेखा के ऊपर -एपीएल- के वैसे परिवार, जो गैस कनेक्शन की राशि एक बार नहीं दे सकते, को भी ईएमआई पर गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए पैसे का कैसे इंतजाम होगा, इस बारे में सरकारी तेल विपणन कंपनियां बैंकों से बात कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के लिए पैसे की कमी नहीं होगी, पहले से ही मंत्रालय ने 1000 करोड़ रुपये का कोष बना रखा है।
पेट्रोलियम क्षेत्र में वर्षों से रूके हुए सुधार को फिर से गति देने से संबंधित मंत्रिमंडल के बृहस्पतिवार के फैसले की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि अब नई हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी यानी हेल्प को मंजूरी दे दी गई है। अब हेल्प के जरिये मिले ब्लॉकों में चाहे कच्चे तेल का उत्पादन हो, प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो, शेल गैस का उत्पादन हो या कोल बेड मिथेन का, उसके उत्पादन के लिए कंपनी स्वतंत्र होगी। उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत कठिन क्षेत्रों में उत्पादन करने पर बाजार भाव पर गैस बेचने की मंजूरी दी गई है।
ओएनजीसी के पूर्व अध्यक्ष एवं उद्योग संगठन फिक्की में हाइड्रोकार्बन सेक्टर के प्रमुख आर एस शर्मा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि कई वर्षों से ये सुधार अटके थे और इसके माध्यम से जोखिम भरे क्षेत्र को राहत दिया गया है। उनका कहना है कि अब कंपनियों को गैस निकालने पर बाजार भाव के हिसाब से गैस बेचने की मंजूरी मिल पाएगी जो उनके लिए काफी अच्छा रहेगा।