Aadhaar Payment App सरकार एक ‘आधार पेमेंट ऐप’ लाने वाली है जिससे डिजिटल पेमेंट की आलोचना करने वालों को खामोश कर सकती है। इस नई ऐप से प्लास्टिक कार्डों और पॉइंट ऑफ सेल मशीनों की भी जरूरत नहीं पड़ेगी जिन्हें कैशलेस समाज के लिए जरूरी माना जाता है। इस ऐप को 25 दिसंबर को लॉन्च किया जाना है। इस ऐप से कार्ड सर्विस प्रवाइडर कंपनियों जैसे मास्टरकार्ड और वीजा को दी जाने वाली फी भी नहीं देनी होगी।
ऐसे डिलीट होंगी मौत के बाद डेटाबेस से आधार कार्ड की जानकारी
इसके जरिए दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में भी व्यापारी डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे। इसके लिए सिर्फ एक एंड्रॉइड फोन की जरूरत होगी। व्यापारी को आधार कैशलेस मर्चेंट ऐप डाउनलोड करना होगा और स्मार्टफोन को एक बायोमेट्रिक रीडर से कनेक्ट करना होगा। यह रीडर 2,000 रुपये में मिल जाता है।
इसके बाद कस्टमर को ऐप में अपना आधार नंबर डालकर बैंक का चुनाव करना होगा जिससे पेमेंट किया जाना है। इस ऐप में बायोमेट्रिक स्कैन पासवर्ड की तरह काम करेगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के सीईओ अजय भूषण पांडेय के अनुसार ‘यह ऐप किसी भी व्यक्ति द्वारा बगैर फोन के भी इस्तेमाल की जा सकता है। अभी 40 करोड़ आधार नंबर बैंक अकाउंटों से जुड़े हुए हैं और यह भारत में वयस्कों की आधी संख्या के बराबर है। हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2017 तक सभी आधार नंबरों को बैंक अकाउंटों से जोड़ दिया जाए।’
डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जगह अब इससे भी कर सकते है ट्रांजेक्शन
इस ऐप का निर्माण आईडीएफसी बैंक ने UIDAI और नैशनल पेमेंट डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ मिलकर किया है। इस नई तकनीक को वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी 19 दिसंबर को दिखाया गया था। आईडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ राजीव लाल ने कहा, ‘यह व्यवस्था आधार पर चलेगी जिसका मतलब है कि यह एक बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ेगी।
अब कार्ड,डिजिटल पेमेंट पर नहीं लगेगा सर्विस टैक्स
जिस भी व्यक्ति के पास आधार नंबर है वह इस ऐप के द्वारा मर्चेंट को पेमेंट कर सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि व्यक्ति के पास कोई क्रेडिट या डेबिट कार्ड या कोई मोबाइल फोन है या नहीं। भारत में वैसे भी पॉइंट ऑफ सेल टर्मिनल को बहुत कम मान्यता है। अभी भी पूरे देश में केवल 15 टर्मिनल काम कर रहे हैं।’ पॉइंट ऑफ सेल की स्वीकार्यता इसलिए भी कम है क्योंकि इसमें मर्चेंट को कार्ड कंपनियों को 2-3 पर्सेंट चार्ज देना पड़ता है। इसके अलावा कनेक्टिविटी की समस्या के कारण भी कार्ड पेमेंट की अपनी सीमाएं हैं। – एजेंसी TNN