नई दिल्ली – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर से भी कम होने के बाद भी भारत में डीजल-पेट्रोल की कीमत कम उतनी कम नहीं हो पा रही है, जितनी होनी चाहिए। केंद्र सरकार कच्चे तेल के आयात पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर लोगों को असली फायदा लेने से भी रोक भी रही है।
फरवरी 2007 में कच्चे तेल की कीमत 55 डॉलर के स्तर पर थी। उस समय भारत में पेट्रोल 42 रुपए और डीजल 30 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर बिक रहा था। लेकिन आज 45 डॉलर प्रति बैरल क्रूड ऑयल होने के बाद भी पेट्रोल 55.26 रुपए और डीजल 48.26 रुपए प्रति लीटर की दर से ग्राहकों को मिल रहा है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की जानकारी के अनुसार भारतीय बॉस्केट के लिए कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 6 जनवरी को को 49.22 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही।
गौरतलब है कि सरकार को सीधे तौर पर फायदा हो रहा है। पर इसका फायदा जनता को नहीं मिल रहा है। वित्त वर्ष 2014-15 के छह महीनों के लिए अंडर-रिकवरी 51,110 करोड़ रुपए रही है। वित्त वर्ष 2013-14 के पूरे वर्ष के लिए यह राशि 1,39,869 करोड़ रुपए रही थी।
भारतीय बॉस्केट के कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत 31 दिसंबर को 53.53 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि 30 दिसंबर, 2014 को यह 53.81 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी। रुपए के संदर्भ में कच्चे तेल की कीमत 31 दिसंबर, 2014 को घटकर 3390.05 रुपए प्रति बैरल हो गई जबकि 30 दिसंबर, 2014 को यह 3430.39 रुपए प्रति बैरल थी। रुपया 31 दिसंबर, 2014 को रुपया मजबूत होकर 63.33 रुपए प्रति अमेरीकी डॉलर पर बन्द हुआ, जबकि 30 दिसंबर, 2014 को 63.75 रुपए प्रति अमेरिकी डॉलर था।
जून 2014 और जुलाई 2014 के बीच में ब्रैंट क्रूड (ऑयल) की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर थी। पर धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत कम होने लगी।
अंतररष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत कम होने की वजह अमेरिका, यूरोप और चीन में ब्रैंट क्रूड की मांग में कमी आना था। अमेरिका, चीन और यूरोप के देशों ने अपने यहां ही क्रूड ऑयल का उत्पादन शुरू कर दिया।
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष 2005 तक 60 फीसदी क्रूड ऑयल का आयात करता था। वर्ष 2013 तक अमेरिका ने यह आयात घटाकर 35 फीसदी कर दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रैंट क्रूड की कीमत एक अगस्त 2014 को 103.45 डॉलर प्रति बैरल थी। 22 अगस्त को यह कीमत घटकर 100.99 डॉलर प्रति बैरल हो गई।
अक्टूबर 2014 में ब्रैंट क्रूड की कीमत 88.66 डॉलर, तीन नवंबर को यह कीमत 84.9 डॉलर, 27 नवंबर को 72.68 डॉलर और 28 नवंबर को यह कीमत घटकर 72.58 डॉलर प्रति बैरल हो गई। एक बैरल में 158.98 लीटर तेल होता है। वर्ष 2013-14 के आकड़ों के मुताबिक भारत प्रति दिन 385,000 बैरल तेल का आयात करता है।
तेल की मांग कम होने के बावजूद ओपेक देशों ने यह फैसला किया है कि वह तेल का उत्पादन नहीं घटाएंगे। तेल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कम होने से भारत मे थोक महंगाई दर से खुदरा महंगाई दर में कमी देखने को मिली है। अंतर्राष्ट्रीय जगत में तेल की कीमत कम होने के चलते भारत की तेल विपणन कंपनियों को घाटा भी कम हुआ है।
मई 2014 में जहां भारत की तेल विपणन कंपनियों का घाटा 318 करोड़ रुपए था। नवंबर 2014 में वह घटकर 188 करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया है। आपको बताते चले कि केंद्र सरकार ने अपने बजट 2014-15 में ऑयल सब्सिडी पर 63,427 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। आने वाले समय में इसका फायदा भी सरकार को मिलेगा। क्योंकि तेल की कीमत कम होने से सरकार को सब्सिडी में बचत होगी।
कच्चे तेल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार के हिसाब से ही तय होते हैं। ऐसे में हम आपको एक ऐसी लिस्ट उपलब्ध करा रहे हैं। पिछले सालों में कच्चे तेल के दाम किस समय किस स्तर पर थे। इसके अनुसार आप खुद ही तय कर सकते हैं कि आप को आज कितना सस्ता पेट्रोल और डीजल मिलना चाहिए।
दिनांक——– क्रूड(बैरल/डॉलर)—— पेट्रोल रुपए/लीटर————- डीजल रुपए/लीटर
जुलाई 01, 2009——- 69.12——-44.63——————-32.87
जनवरी 28, 2009——-44.12——-40.62——————-30.86
दिसंबर 05, 2008——-43.56——-45.62——————-32.86
जुलाई 16, 2008——-132.47——-50.62——————-34.86
जून 04, 2008——-113.00——-50.56——————-34.80
फरवरी 14, 2008——-90.88——-45.52——————-31.48
फरवरी 16, 2007——-55.80——-42.85——————-30.25
नवंबर 29, 2006——-57.53——-44.85——————-31.25
जून 06, 2006——-67.30——-47.49——————-32.45
सितंबर 06, 2005——-59.91——-43.49——————-30.45
जून 20, 2005——-52.72——-40.49——————-28.45
नवंबर 15, 2004——-38.82——-37.84——————-26.28
नवंबर 04, 2004——-38.82——-39.00——————-26.28
जुलाई 31, 2004——-36.35——-36.81——————-24.16
जून 15, 2004——-34.22——-35.71——-22.74
मार्च 01, 2004——–00——-33.70——-21.74