पश्चिम बंगाल राज्य के नदिया जिले में आयोजित एक रैली में ममता बनर्जी ने कहा, ‘असम में 100 से ज्यादा लोगों की एनआरसी की वजह से मौत हो गई। पश्चिम बंगाल में 31 या 32 लोगों की एनआरसी के डर से मौत हो गई। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गईं।’ ममता बनर्जी ने कहा, ‘बीजेपी उससे असहमति रखने वाले हर व्यक्ति को आतंकित करने की कोशिश कर रही है।’
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के बहाने केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गईं। असम में एनआरसी की वजह से 100 लोगों की मौत हो गई, जबकि पश्चिम बंगाल में 31 लोग डर से मारे गए। ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी उससे असहमति रखने वाले हर व्यक्ति को आतंकित करने की कोशिश कर रही है।
पश्चिम बंगाल राज्य के नदिया जिले में आयोजित एक रैली में ममता बनर्जी ने कहा, ‘असम में 100 से ज्यादा लोगों की एनआरसी की वजह से मौत हो गई। पश्चिम बंगाल में 31 या 32 लोगों की एनआरसी के डर से मौत हो गई। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गईं।’ ममता बनर्जी ने कहा, ‘बीजेपी उससे असहमति रखने वाले हर व्यक्ति को आतंकित करने की कोशिश कर रही है।’
उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार नई कर व्यवस्था से लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है।’ ममता ने कहा कि मैं उस समूह से संबंध नहीं रखती हूं जो लोगों में घृणा फैलाता है।’ ममता ने रैली में आए लोगों से कहा कि वे दस्तावेज न दिखाये । उन्होंने कहा कि अगर कोई आधार कार्ड जमा करने के लिए कहता है या आपके परिवार का डिटेल मांगता है तो उसे यह तब तक न दें, जब तक कि मैं आपको सीधे तौर पर न कहूं।
ममता बनर्जी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। सरकार की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई स्थानों पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध और एनआरसी के मुद्दे पर प्रदर्शन हो रहे हैं।
राय ने कहा, ‘अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’ सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है? गौरतलब है कि 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा था कि सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद संसद या कैबिनेट में इस बारे में चर्चा नहीं की । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी पिछले शुक्रवार को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में एनआरसी का जिक्र नहीं किया था।