मंदसौर : जिले के दलौदा में मंगलवार को किसानों ने फिर उग्र प्रदर्शन किया, प्रदर्शनकारियों ने दो बसों और एक टेम्पो में तोड़फोड कर आग लगा दी। इस दौरान हुई फायरिंग में चार किसानों की मौत हो गई । भीड़ के बीच हुई फायरिंग के बाद चार किसानों को अस्पताल ले जाया गया था, जहां किसानों ने दम तोड़ दिया। किसानों ने पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगाया है। घटना के बाद मंदसौर में कर्फ्यू लगा दिया गया।
उधर गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस ने फायरिंग नहीं की है। उनका कहना है कि आंदोलन में कुछ आसामाजिक तत्व भी शामिल हो गए हैं। इस घटना की जांच करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मंदसौर की घटना के बाद सीएम शिवराज सिंह ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की और घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और घायल को एक लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की गई है।
गृहमंत्री कहा कि 6 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों से पुलिस पिट रही है। किसानों के नाम पर कुछ उपद्रवी इसमें शामिल हो गए हैं, जिनसे सख्ती से निपटा जाएगा। दलौदा में सोमवार देर रात किसानों द्वारा किए गए उग्र प्रदर्शन के बाद मंदसौर और रतलाम में सभी कंपनियों की मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। यहां केवल ब्रॉडबैंड कनेक्शन ही चालू है।
झुलसे किसान
प्रदर्शन में किसान वहां से चले गए और पत्थरबाजी होने लगी। डिगाव में भी सीतामऊ रोड पर जाम लगाने की कोशिश हुई। यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने अश्रु गैस के गोले छोड़े। सुवासरा में किसान और व्यापारियों के बीच विवाद हो गया जिसके बाद मारपीट और पथराव की घटना हुई। गुस्साई भीड़ ने पिपलिया मंडी थाने पर हमला बोला और उसे आग लगने की कोशिश की, जिसमें सात किसान झुलस गए। डिगाव चौपाटी पर भी पुलिस हुड़दंगियों में जमकर झड़प, जिसमें एक किसान घायल हो गया। सीआरपीएफ की तीन बटालियन ने यहां मोर्चा संभाल लिया है।
सोमवार को आंदोलन कर रहे किसानों ने दलौदा में रेलवे फाटक तोड़ दिया था और पटरियां उखाड़ने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान मंदसौर और चित्तौड़ के बीच रेत यातायात ठप हो गया। पुलिस को आशंका थी कि प्रदर्शन कर रहे लोग सोशल मीडिया के जरिए फैलाने की कोशिश कर रहे है। इसके बाद इलाके में मोबाइल पर इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद कर दी गई।