क्रिकेट के रूप में टी-20 के पर्दापण के बाद मैदान पर बल्लेबाजों की तूती जमकर बोलने लगी थी। इसके अलावा आईसीसी की ओर से कुछ ऐसे नियम भी थे जो गेंदबाजों के अनुकूल नहीं थे और उन्हें रन रोकने और बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ता था।
खासकर एकदिवसीय क्रिकेट (वनडे) के मुकाबले में। 50-50 ओवर के क्रिकेट मुकाबले में कुछ नियमों के कारण बल्लेबाजों का प्रभाव बढ़ने लगा, ऐसे में नियमों में बदलाव की बात कही जा रही थी।
अब बारबाडोस में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की सलाना बैठक में शुक्रवार को क्रिकेट के नियमों में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव कई टीमों के कप्तानों और कोच के सुझाव के बाद किए गए।
आईसीसी ने वनडे और टी-20 क्रिकेट में कुछ बड़े बदलाव करते हुए अब गेंदबाज की ओर से फेंकी गई हर नो बॉल पर बल्लेबाज को फ्री हिट देने का फैसला लिया है यानी अब गेंदबाजों को काफी संभल कर गेंदबाजी करनी होगी। इसके अलावा बैटिंग पावरप्ले पर भी एक बड़ा निर्णय लिया गया है।
बारबडोस में आईसीसी की सालाना बैठक में बोर्ड ने सबसे अहम फैसला किया कि वनडे मैचों में अब हर तरह के ‘नो बॉल’ पर ‘फ्री हिट’ मिलेगी। अब यह तय किया गया है कि ‘नो बॉल’ चाहे किसी भी कारण से हो, उस पर ‘फ्री हिट’ मिलेगी। अब तक सिर्फ गेंदबाज के पैर पड़ने से हुई ‘नो बॉल’ पर ही फ्री हिट मिलती थी। पर अब हर तरह के ‘नो बॉल’ पर ‘फ्री हिट’ दी जाएगी।
ऐसा नहीं है कि नियमों में बदलाव से सिर्फ बल्लेबाज को ही फायदा मिलेगा। गेंदबाजों के लिए भी राहत की खबर है अब बैटिंग पावरप्ले को खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा सबसे अहम फैसला क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम के लिए भी किया गया है जिसमें शुरुआती 10 ओवर में 30 गज के बाहर अब 5 खिलाड़ी रखे जा सकेंगे।
पहले यह नियम था कि शुरुआती 10 ओवर में सिर्फ 4 क्षेत्ररक्षक ही 30 गज के बाहर रखे जा सकते थे। इसके अलावा 41वें ओवर से अंत तक 30 गज के बाहर 5 खिलाड़ी रखे जा सकेंगे।
ये सभी बदलाव अगले महीने 5 जुलाई से लागू होंगे। आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्ड्सन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि वनडे क्रिकेट में यह बदलाव बल्ले और गेंद के बीच संतुलन को बनाए रखने के लिए किया गया है।
उन्होंने कहा, “इन बातों को लागू करते हुए हमने इसका ध्यान रखा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की आक्रामकता और उसका ‘थ्रिल’ बरकरार रहे। 50-50 ओवरों के क्रिकेट का आकर्षण हम बनाए रखना चाहते हैं ताकि 2019 में इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए सकारात्मक रास्ता अपनाया जा सके।”
आईसीसी ने यह बदलाव अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी की क्रिकेट समिति की ओर से मई में दिए गए कई सुझावों के बाद किया है। रिचर्ड्सन ने कहा कि मैच के दौरान 15 ओवर के पावरप्ले में गेंदबाजों के लिए गेंद डालना काफी मुसीबत भरा रहता था क्योंकि क्षेत्ररक्षण की सीमा निर्धारित थी। साथ ही डीआरएस पर आईसीसी ने पुराना फैसला जारी रखने का निर्णय लिया है जो सीरीज खेलने वाली दोनों क्रिकेट बोर्डों के आपसी तालमेल पर निर्भर करेगा।