टीवी की दुनिया का मोस्ट पॉपुलर शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ बंद हो सकता है। यह शो साल 2008 में शुरू हुआ था। इतने सालों में पहली दफा इसे बंद करने की मांग उठी है। दरअसल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शो पर ‘ईशनिंदक’ सीन दिखाने के आरोप लगाते हुए तत्काल बैन लगाने की मांग की है। शो का पहला एपिसोड 28 जुलाई 2008 को प्रसारित हुआ था।
क्या है मामला?
बीते दिनों ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के एक एपिसोड में गणपति पूजा दिखाई गई थी। इसी एपिसोड में एक एक्टर ने सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के रूप धारण किया था। इसे देखकर सिख समुदाय में गुस्से की लहर दौड़ गई, क्योंकि सिखों में ये मान्यता है कि कोई भी इंसान गुरु के जीवित स्वरूप को धारण नहीं कर सकता। ये सिखों के धार्मिक नियमों के खिलाफ है।
यह गलती माफी के लायक नहीं
एसजीपीसी प्रमुख कृपाल सिंह बादुंगर ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा, ‘धारावाहिक ने सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के जीवित स्वरूप का चित्रण कर समुदाय को ठेस पहुंचाया है। ऐसा करना ‘सिख सिद्धांतों’ के खिलाफ है।’ बादुंगर ने आगे कहा कि कोई भी अभिनेता या कोई भी चरित्र खुद की दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह के साथ समानता नहीं कर सकता। इस काम के लिए माफी नहीं दी जा सकती है।
मुनमुन दत्ता ने दी सफाई
शो में बबीता अय्यर का किरदार प्ले करने वाली मुनमुन दत्ता ने इस मसले पर कहा, ‘शो में हमारे साथी गुरुचरण सिंह खुद सिख समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वह कुछ ऐसा नहीं कहते है, जिससे इस समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे। मुझे याद है कि उस सीक्वेंस शूट के दिन उन्होंने कहा था कि किसी को भी गुरु गोविंद सिंह जी का रोल अदा करने की अनुमति नहीं है। इसके बाद उन्होंने भी खालसा का रोल अदा किया और टीवी पर भी हमने यही दिखाया है। जो लोग इस पर अपनी आपत्ति जता रहे हैं, मैं चाहती हूं कि वह उस एपिसोड को दोबारा देखें।’
पहले एक शो हो चुका है बंद
बताते चलें कि, हाल ही सोनी टीवी के शो ‘पहरेदार पिया की’ को बैन करने के लिए दर्शकों के एक वर्ग ने ऑनलाइन पीटिशन शुरू कर दी थी, जिसके बाद शो को बंद कर दिया गया। अब देखना ये होगा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ पर बैन लगाए जाने की मांग पर क्या एक्शन लिया जाता है?