बैतूल/खंडवा- खंडवा जिले के खालवा ब्लॉक में एक आदिवासी परिवार को वन कर्मियों से मजदूरी माँगना महंगा पड़ गया, मजदूरी तो मिली नहीं उल्टा आशियाना भी जला दिया गया बीते पच्चीस दिनों से पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है ।
खालवा ब्लाक के वन ग्राम आंवलिया में बीते सोलह सालों से आदिवासी सोनिया बारेला मांगीलाल से मिली ज़मीन पर अपना मकान बना कर रह रहा था । एक मार्च को वन कर्मियो से मजदूरी माँगना मेंहगा पड़ गया । सोनिया अपने बच्चे के इलाज के लिए पास के ही गाँव रौशनी गया और मौका पाकर आंवलिया रेंज के डिप्टी रेंजर शहादत अली, नाकेदार सत्यप्रकाश यादव ने मांगीलाल को शराब पिला कर अपनी मोटरसाइकल से ले गए ,घर में बुखार से पीड़ित 9 वर्षीय पिंकी को लात मारकर बाहर धकेल दिया और फिर आग लगा दी ।
पिंकी ने पास में ही रहने वाले मामा को जाकर बताया की डिप्टी, नाकेदार ने घर में आग लगा दी और मेरे साथ भी मार पीट की मामा ने घर में बंधे मवेशियों को जैसे तैसे खोल कर भगाया लेकिन मकान की आग नहीं बुझा पाया ।
सोनिया जब अस्पताल से लौटा तब तक सब कुछ ख़ाक हो चुका था । सोनिया आदिवासी के मुताबिक़ हम सालों से मांगीलाल दादा से मिले तीन एकड़ खेत में मकान बना कर वन विभाग में बेगारी का काम किया करते थे ।इस रेंज में जो भी डिप्टी,नाकेदार महाराज आता वो अपने हिसाब से काम करवाता था ।इन बीते हुए सालों में हमने नाकेदार महाराज और डिप्टी के कहने पर सागौन काट कर चौखट,खिड़की,पल्ले,चर्पट और सिल्लियां बनाकर देने का ही काम किया ।अभी कुछ दिन पहले ही ट्रेक्टर क्रमांक MP02/3366 से सागौन की चर्पट,सिल्लियां भेजी जिसकी हम अपने मोबाईल से वीडियो बना रहे थे तो डिप्टी और नाकेदार महाराज ने मारपीट की थी । यह लोग सागौन बेचने का काम करते है ।लगातार फसल खराब होने पर मैंने मजदूरी की मांग की तो दोनों चिढ गए बोले तुम्हारे पास हिसाब किताब है क्या ।मेरे से यही गलती ही गई की मैंने हाँ कह दिया ।मेरे पास सब कुछ लिखा हुआ था की कब कब काम किया किस बीट किस कंपार्टमेंट से सागौन काट कर लाया और कोनसी गाडी से रेस्ट हाउस भेजा,आफिस भेजा ।इसी डर से दोनों ने मिलकर मेरे घर में आग लगा दी,जिसमे सबकुछ जलकर ख़ाक हो गया ।
इस पूरी घटना की शिकायत करने मै चौकी में गया तो पहले मुझे भगा दिया गया फिर मै मंत्री विजय शाह के घर गया तो उन्होंने चौकी प्रभारी को फोन करवाया इसके बाद भी जो हमने लिखित शिकायत दी उसके बजाये अपने हिसाब से लिख कर मुआवजा दिलवाने की बात कही ।शिकायत के अगले ही दिन घर का जल हुआ सामान,चांदी के ज़ेवर ,बर्तन,खेत बाड़ी का सामान समेत रिश्तेदारों ने दिए कपडे और अनाज भी वन कर्मियों ने उठा कर ले गए ।और अब पच्चीस दिन बीतने के बाद भी आज तक वनकर्मियों के खिलाफ कोई जांच हुई और ना ही कार्यवाही ।
डिप्टी रेंजर शहादत अली के मुताबिक़ आदिवासी सोनिया मक्कार और झूठा इंसान है उसने हमारी झूठी शिकायत की है ।वो वन ग्राम में अतिक्रमण कर के रह रहा था ।जहाँ तक मकान जलाने की बात है तो वो मांगीलाल ने आग लगाईं है ऐसा हमें पता चला है ।
@अकील अहमद (अक्कू)