खंडवा – 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पंडा संघ में प्रशासन को चेतावनी दी है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह धर्म परिवर्तन कर इस्लाम काबुल कर लेंगे। आप को बता दे की ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पर्व के दौरान बिल्व पत्र व जल चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी बात के विरोध में पंडा संघ ने यह निर्णय लिया है।
एक और जहा घर वापसी और धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दों ने देश में एक नहीं विचारधारा को जन्म दे कर पूरे देश में बहस खाड़ी कर दी है। तो वही अब ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पंडा संघ के धर्म परिवर्तन इस्लाम काबुल करने के निर्णय ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। दरसल ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर बिल्व पत्र व जल चढ़ाने पर प्रशासन ने सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया है। जिससे नाराज पंडा समुदाय ने यह निर्णय लिया है। पंडा संघ के अध्यक्ष निलेश प्रोहित का कहना है की वर्षो पुरानी परंपरा को ख़त्म कर प्रशासन उनकी धार्मिक आस्था को चोट पंहुचा रहा है। जिस से आहत होकर लगभग पांच सौ पंडा सदस्य इस्लाम धर्म अपनाने को मजबूर हो जायंगे।
अब पंडा संघ की मांग है कि जिस तरह पहले ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग बिल्व पत्र व जल चढ़ते आया है उसी तरह चढ़ता रहे। साथ ही पंडो को मंदिर में प्रवेश करने से न रोका जाए। ताकि उनकी रोज़ी रोटी चलती रहे। पंडा संघ ने यह भी चेतावनी दी है की अगर सात दिन में उन की बात नहीं मानी जाती है तो वह भूख हड़ताल ,आमरण अनसन करेंगे फिर भी प्रशासन नहीं सुनता है तो वह धर्म परिवर्तन करने को मजबूर हो जायंगे। पंडा संघ का कहना है कि किसी भी अन्य समुदाय में किसी तरह की पूजा अर्चना करने की कोई आपत्ति नहीं है। पंडा संघ ने अजमेर उर्स का उदाहरण दे कर कहा कि इतना बड़ा उर्स वह सम्पन हुआ वह किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं लगा वह भी लाखों लोग आस्था के साथ जाते है पर ओंकारेश्वर में पर्वो के दौरान प्रशासन इस तरह के प्रतिबंध लगा कर धार्मिक आस्था को चोट पहुचने का काम कर रहा है। इस तरह के निर्णय को सहन नहीं किया जायगा।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग बिल्व पत्र व जल नहीं चढ़ाए जाने के निर्णय से यहाँ आए श्रद्धालु भी न खुश है उनका कहना है की अन्य ज्योतिर्लिंगो पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है फिर यहाँ क्यों ? दूर दूर से श्रद्धालु यहाँ यही श्रद्धा ले कर आते है की कम से कम ज्योतिर्लिंग पर जल तो चढ़ा ही लेंगे पर व्यवस्था के नाम पर यहाँ का प्रशासन आस्था से खिलवाड़ कर रहा है।
उधर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के ट्रस्टी राव देवेन्द्र सिंह का कहना है की प्रशासन का निर्णय सही है क्यों की पर्वो के दौरान यहाँ भीड़ बड जाती है इस लिए सभी जल्दी जल्दी दर्शन कर पाए एसा किया गया है। ज्योतिर्लिंग के ट्रस्टी का कहना है की छोटी सी बात के लिए धर्म परिवर्तन करना गलत बात है। साथ ही उन्होंने यहभी कहा की प्रशासन अपना निर्णय नहीं बदलेगा और पर्वो के दौरान इस तरह का प्रतिबंध जारी रहेगा। तीर्थ पंडा संघ ओंकारेश्वर के पदाधिकारियों प्रस्ताव प्रतिलिपि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रभारीमंत्री, सांसद, विधायक और ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट, पुलिस को भेजी है।
अब देखना यह है की प्रशासन और पंडा संघ की यह लड़ाई क्या मौड़ लेती है। हालंकि पंडा संघ का यह निर्णय अपने आप में एक विवादित निर्णय है पर इस निर्णय ने बहस के लिए एक नया मुद्दा जरुर दे दिया है ।
रिपोर्ट :- निशात सिद्दीकी