नई दिल्ली- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग सत्र के पहले ओम के उच्चारण को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह अनिवार्य नहीं है ! उन्होंने कहा कि यह अभ्यास या अनुशासन का एक हिस्सा है जो शरीर और मन को एकीकृत करता है तथा इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी स्वीकार किया है !
नायडू ने कहा कि पिछले साल पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया और यह स्पष्ट रूप से प्राचीन भारतीय ज्ञान को स्वीकार करना था !
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, योग को विवादास्पद मत बनाइये ! ओम अनिवार्य नहीं है ! योग एक महान प्राचीन भारतीय कला है जो शरीर और मन दोनों को अनुशासित करेगा !
उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार को विरासत में ‘राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा, व्यापार घाटा, चालू खाता घाटा और सबसे बढ़कर विश्वास की कमी’ मिली है !
यह विवाद तब उत्पन्न हुआ जब खबरें आई कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने 45 मिनट का प्रोटोकॉल जारी किया है जिसमें उक्त कार्यक्रम के दौरान ‘ओम’ का जाप और वैदिक मंत्रों का उच्चारण शामिल था !
रिपोर्ट के मुताबिक आयुष मांलय ने 21 जून को योग की शुरूआत ‘ओम’ जाप के साथ दो मिनट के प्रार्थना से करने का सुझाव दिया था ! हालांकि आयुष मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि प्रोटोकॉल अनिवार्य नहीं है ! कुछ राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार पर ‘ओम’ का जाप कराकर अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया था !