खंडवा : खंडवा के आशापुर की अग्नि नदी के उफान पर आने से खंडवा होशंगाबाद भोपाल हाइवे पर बना पुल डूब गया वहीं जलस्तर बढ़ने से आदिवासी छात्रावास में रहने वाली करीब 150 छात्राए पानी में फंस गई। जिन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। वहीं अग्नि नदी के दूसरे छोर पर बने आशादेवी मंदिर में भी जलस्तर बढ़ने से कई श्रद्धालु मदद के लिए मंदिर की छत से जिला प्रशासन से गुहार लगते रहे। गनीमत रही की उन्हें भी समय रहते रेस्क्यू कर लिया गया। जिस से कोई जनहानि नहीं हुई। आप को बतादें खंडवा जिले में पिछले 24 घंटे में 203 मिली मीटर बारिश हुई जो लगातार जारी हैं। भारी बारिश को देखते हुए जिला कलेक्टर ने स्कूलों की एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी है।
खंडवा में पिछले 24 घंटे से ज्यादा हो रही भारी बारिश की वजह से आशापुर के आदिवासी छात्रावास की छत पर फंसी लगभग 150 बच्चियों को रेस्क्यू करके निकाला गया। आशापुर में अग्नि नदी में आई बाढ़ के कारण इस छात्रावास के चारों ओर पानी फैल गया था। यह छात्रावास आधे से ज्यादा पानी में डूब गया था। लड़कियां जान बचाने के लिए छात्रावास की छत पर पहुंच गई। बारिश के बीच लगभग 3 घंटे तक यह लड़कियां छात्रावास की खुली छत पर अटकी रही।वाही अग्नि नदी के दूसरी और बने आशादेवी मंदिर की छत पर भी श्रद्धालुओ के फंसे होने की खबर मिलते ही जिला प्रशासन ने उन्हें रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेज दिया। भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन ने कल मंगलवार को जिले में सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी हैं।
खंडवा के आशापुर से हो कर गुजरने वाले होशंगाबाद भोपाल स्टेट हाईवे पर आशापुर में स्थित अग्नि नदी का पुल पूरी तरह पानी में डूब गया। इस वजह से यातायात भी अवरुद्ध हो गया। जिले में आधी रात से बारिश हो रही है और लगभग सभी छोटी-मोटी नदियां और नाले उफान पर हैं।
जिला प्रशासन ने रेस्क्यू टीम को वहां भेजा लेकिन भारी बारिश की वजह से घटनास्थल तक उन्हें पहुंचने में भी भारी मशक्कत करनी पड़ी। बाढ़ के पानी को कम करने के लिए पास ही में बने डैम के गेट खोले गए। जब पानी कम हुआ तब जैसे तैसे यह टीम वहां पहुंची और इन बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बारिश में भीगी इन लड़कियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर इन्हें पास ही में स्थित दूसरे कन्या परिसर में शिफ्ट किया गया है। बाढ़ के पानी की वजह से हॉस्टल में रखा हुआ सारा सामान, बच्चों की किताबे, पुस्तकें, पलंग आदि सभी जलमग्न हो गए। प्रशासन के कर्मचारी इन बच्चियों के लिए समानांतर व्यवस्था जिताने में लगे हुए हैं। भारी बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी सभी तहसीलों में प्रशासनिक अमले के साथ साथ होमगार्ड के जवानों को भी तैनात किया गया है। किसी भी आपदा स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे खुला एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।