खंडवा : शंकराचार्य, गौतम बुद्ध, चाणक्य से लेकर संत एकनाथ, तुकाराम, गुरू गोविंदसिंह, महाराजा छत्रासाल, शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप लेकर स्वामी विवेकानंद तक सभी ने जनजागरण एवं भारत भक्ति के भाव का जागरण ही किया है और संघ भी इन्हीं की परंपराओं पर चलते हुए इसी कार्य में लगा है। शक्ति संपन्न भारत की कल्पना वर्तमान शासकों की नहीं बल्कि ये तो हमारे पूर्खो के समय की है। संघ जोडऩे का कार्य करता है, यह किसी का विरोध नहीं करता, केवल हिन्दू समाज का संगठन ही संघ का एकमेव कार्य है। हम सर्वांगीण उन्नति के लिए कार्य कर रहे हैं और इनमें समयानुसार परिवर्तन होते रहना चाहिए इसी से किसी भी महालक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होती है।
पाश्चात्य शिक्षा का प्रभाव अभी अपने देश पर है जिसमें तथाकथित बुद्धिजीवियों पर आज भी वामपंथी विचारधारा हावी है। गौरक्षा से लेकर जेएनयू जैसे मुद्दे केवल हिन्दू समाज में भेद उत्पन्न करने के लिए चलाए जाते हैं। जबकि संघ इस देश को शिक्षा, समरसता, पर्यावरण रक्षा, परिवार प्रबंधन, जैविक खेती एवं गोपालन के द्वारा सक्षम एवं समर्थ बनाने का निरंतर कार्य कर रहा है। समाज परिवर्तन की जवाबदारी किसी एक संगठन की नहीं है ये तो हम सब का दायित्व है। सारे संसार की जानकारी रखना लेकिन स्थानीय स्तर पर सुदृढ़ कार्य करना ही एक अच्छे स्वयंसेवक का लक्षण है। वासुदेव कुटुंबकम् की अवधारणा ही हमारा ध्येय है। उपरोक्त उद्बोधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालवा प्रांत के प्रांत कार्यकर्ता सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उपस्थित पदाधिकारियों को सह क्षेत्र प्रचारक दीपक जी विस्पुते ने प्रदान किया।
तीन दिवसीय प्रांत सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में क्षेत्र संघचालक अशोक जी सोहनी, प्रांत संघचालक डा. प्रकाश शास्त्री एवं प्रांत कार्यवाह शम्भूप्रसाद जी गिरि एवं दीपक जी विस्पुते ने भारत माता, डा. हेडगेवार एवं श्री गुरूजी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन कर औपचारिक शुभारंभ किया। तीन दिन चलने वाले इस सम्मेलन में विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत बैठकें संपन्न होगी। नगरीय एवं ग्रामीण कार्यकर्ताओं की अलग-अलग बैठकें भी संपन्न होगी। सम्मेलन का प्रारंभ प्रतिदिन प्रात: 4.45 बजे जागरण के साथ होता है। इसके साथ ही बैौद्धिक एवं संघ स्थान सहित कुल 14 सत्रों की दिनचर्या रात्रि 10.30 बजे दीप निमिलन के साथ समाप्त होती है। सम्मेलन का समापन 19 नवंबर को दोपहर पश्चात होगा। सम्मेलन हेतु आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए प्रांत संघचालक डा. प्रकाश शास्त्री ने कहा कि इस समय मालवा प्रांत के सात विभागों के 26 जिलों में 2617 शाखाएं चल रही है। इन शाखाओं के माध्यम से बड़ी संख्या में युवा एवं व्यवसायी वर्ग राष्ट्र सेवा के कार्य में निरंतर संलग्न है। इसके साथ ही मालवा प्रांत में 1108 सेवा कार्य संघ द्वारा या संघ की प्रेरणा से चल रहे हैं जिसके अंतर्गत धर्म जागरण, ग्राम विकास, गौसंवर्धन, कुटुम्ब प्रबोधन एवं घुमक्कड़ जातियों के लिए किए जाने वाले कार्य उल्लेखनीय है। पत्रकारवार्ता में प्रांत प्रचार प्रमुख डा. प्रवीण काबरा, प्रांत प्रचारक डा. श्रीकांत ने भी उपस्थित पत्रकारों से चर्चा करते हुए उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। यह जानकारी विभाग प्रचार प्रमुख भूपेन्द्रसिंह चौहान ने दी।