रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में वैसे तो जेल की सजा सुनाई गई है, लेकिन इन दिनों वह कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने के चलते दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। इस बीच उन्हें और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को करारा झटका लगा है। दरअसल, लालू यादव को दिल्ली एम्स में इलाज के लिए चार हफ्ते का और वक्त तो दे दिया गया है, लेकिन इसके चलते उनकी सजा भी और चार हफ्ते के लिए बढ़ा दी गई है।
जेल अधीक्षक हामिद अख्तर का कहना है कि लालू यादव को एक महीने के लिए आईजी जेल की तरफ से इलाज के लिए दिल्ली एम्स भेजने की अनुमति दी गई थी, लेकिन उनकी तबीयत को देखते हुए एम्स के डॉक्टरों की टीम ने लालू के इलाज के लिए तीन से चार हफ्ते का और समय मांगा, जिसे जेल आईजी बिरेंद्र भूषण ने स्वीकार लिया। साथ ही उनकी सजा अवधि चार हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई।
इसके अलावा लालू यादव फोन कॉल प्रकरण की जांच में कुछ अफसरों की लापरवाही सामने आई है, जिन पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। दरअसल, लालू की सुरक्षा में जो पुलिसकर्मी और अधिकारी लगाए गए थे, उनके द्वारा जल मैनुअल का उल्लंघन किए जाने की बात सामने आई है।
लालू के मोबाइल पर बातचीत प्रकरण में पुलिसकर्मी और पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई होगी। इस मामले में जेल आईजी के अलावा जिला प्रशासन ने भी जांच बैठाई थी, जिसकी रिपोर्ट जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन को सौंप दी है। बता दें इस रिपोर्ट में लालू की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों और अधिकारियों को दोषी माना गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार लालू की सुरक्षा में तैनात जवानों की लापरवाही से ही मोबाइल लालू तक पहुंचा है।
जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कैली बंगले में लालू यादव की सुरक्षा में तैनात रांची पुलिस के जवानों की ठीक ढंग से तलाशी नहीं ली जाने की वजह से फोन के सेवादारों या अन्य लोगों के माध्यम से लालू तक मोबाइल पहुंचा होगा। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार के जेल सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर ने बताया कि उन्होंने जो जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी है, उसमें लालू की सुरक्षा में तैनात पुलिस के कुछ पदाधिकारी और कुछ पुलिसकर्मी दोषी है। उन्होंने बताया कि लालू यादव के द्वारा जिस वक्त कॉल किया गया, उस समय का मिलान ड्यूटी रोस्टर से होगा।
उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट ने तीन मामलों में पहले ही जमानत दे दी है। जबकि एक मामले में उच्च न्यायालय में लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। चाईबासा कोषागार के दो और देवघर कोषागार से जुड़े एक मामले में लालू को बेल मिल चुकी है।
इसके अलावा दुमका कोषागार मामले में आधी सजा काटने और गंभीर बीमारियों की दलील के सहारे उन्होंने जमानत की आस लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।