नई दिल्ली- केंद्रीय और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन अभियान चलाना या उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल कराना जल्द ही हिंसा की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है। इसके लिए मेनका गांधी ने होम गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है।
मेनका गांधी ने कहा- महिलाओं को कई बार इंटरनेट पर बदतमीजी का सामना करना पड़ता है। पहले इंटरनेट प्रदाता हमसे इस बाबत बात करने को तैयार नहीं थे लेकिन बाद में उन्होंने संबंधित विस्तृत जानकारी देने की बात मान ली। गांधी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर ऑनलाइन बिहेवियर (इंटरनेट पर किस तरह का बर्ताव किया जाए) को लेकर संहिता बनाने की बात कही है।
महिलाओं के लिए नई पॉलिसी रिलीज करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि एक पत्रकार की शिकायत के बाद यह समस्या प्रकाश में आई। उन्होंने कहा कि साइबर वर्ल्ड में इस तरह की धमकियों को अब हिंसा की तरह से लिया जाएगा।
मंत्रालय का फोकस इंटरनेट पर की जाने वाली बदतमीजी के अलावा मातृत्व अवकाश पर है। उन्होंने कहा- मुझे गर्भवती महिलाओं से ईमेल आते हैं और वे पूछती हैं कि मैटरनिटी लीव 8 महीने कब की जाएगी। मंत्रालय ने यह प्रपोजल श्रम मंत्रालय को भेज दिया है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही ऐसा नियम बना दिया जाएगा।