खंडवा- क्या आपने ऐसे किसी ताले के बारे में देखा या सूना है जिसकी सौ से अधिक चाबियां हो और जो प्रतिदिन दो सौ से अधिक बार आपरेट किया जाता हो ! नहीं ना, हम आपको बताने जा रहे है कि कहाँ लगा है यह ताला। इस इकलौते ताले के सौ से अधिक मालिक है। जो अपनी -अपनी चाबियां अपने पास रखते है। जो रोजाना अपनी चाबी का इस्तेमाल कर ताले को आपरेट करते है।
तो हम आपको लिए चलते है। मध्यप्रदेश के खंडवा रेलवे जंकशन पर जहाँ रेलवे कर्मचारियों के लिए बनाये गए पार्किंग स्थल के गेट पर लगा है। दुनिया का सबसे अनोखा ताला जो देखने में आम तालो की तरह ही है। फिर भी इसे अपनी खासियत के लिए दुनिया के सबसे अनोखे ताले का दर्जा दिया जा सकता है।
अब सवाल उठना लाजिमी है की ऐसा क्या खास है इस ताले में ? जो आम तालों में नहीं है ? तो इस सवाल का जवाब सुनिए दरअसल खंडवा रेलवे जंक्शन के बाहरी परिसर में दो पहियां वाहन की पार्किंग है। कुछ माह पूर्व तक इस पार्किंग का उपयोग यात्री और रेलवे कर्मचारी मिलकर करते थे। रेल कर्मचारियों के लिए यह पार्किंग नि: शुल्क थी। लेकिन जब से रेलवे ने ठेके पर पार्किंग दे दी । तब से पार्किंग शुल्क को लेकर आये दिन रेलवे कर्मचारियों और ठेकेदार के बीच विवाद होने लगा।
मामला डीआरएम तक पहुंचा तो एक माह पूर्व खंडवा दौरे पर आये भुसावल डीआरएम ने रेलवे कर्मचारियों के वाहन पार्किंग हेतु पार्सल आफिस के पीछे की जमीन की स्वीकृति दे दी। रेल कर्मचारियों के दो-पहिया वाहनों लिए अलग से पार्किंग की व्यवस्था हो गई। पार्किंग स्थल के बाहर चैनल गेट भी लग गया। पार्किंग के बाहर बोर्ड भी लगा दिया कि यह पार्किंग सिर्फ आन डयूटी रेलवे स्टॉफ के दो-पहियां वाहनों के लिए है। इस पार्किंग के बनने से रेलवे कर्मचारियों के वाहन पार्किंग की समस्या तो हल हो गई। लेकिन इस पार्किंग का उपयोग रेलवे कर्मियों के अलावा बाहरी लोग भी करने लगे वाहन चोरी होने लगे।
इस समस्या से निपटने के लिए रेल कर्मचारियों की पार्किंग के चैनल गेट पर ताला लगा दिया और एक अतिरक्त सूचना बोर्ड लगाया कि इस पार्किंग स्थल पर सुरक्षा हेतु ताला लगाया जा रहा है। चूँकि रेलवे की पार्किंग का उपयोग प्रतिदिन डेढ़ सौ से अधिक रेलकर्मी करते हैं। पार्किंग के चैनल गेट पर ताला लगाते ही दूसरी समस्या खड़ी हो गई कि पार्किंग स्थल पर लगे ताले की चाबी किसके पास रखी जाए ताकि सभी उसका उपयोग कर सके।
यहां मामला बिगड़ गया क्योंकि रेलवे कर्मचारियों की शिफ्ट अनुसार अलग-अलग समय में ड्युटी होती है। तब संयुक्त रूप से रेल कर्मियों ने यह फैसला लिया कि सभी रेल कर्मचारियों को इस ताले की चाबी बनवाकर दे दी जाए। बस फिर क्या था । इस ताले की सौ से अधिक चाबी बनवाई गई और सभी रेल कर्मियों ने आपस में बाँट ली। खंडवा रेलवे स्टेशन मास्टर रमेश चन्द्रा के अनुसार चाबियों के वितरण रेलवे यूनियन ने की है जिससे वाहन सुरक्षित है।
रिपोर्ट -अनंत माहेश्वरी