नई दिल्ली – युद्धग्रस्त यमन में फंसे भारतीयों को निकालने का मिशन पूरा हो गया है। भारत सरकार वॉर जोन से करीब 4 हजार भारतीयों को निकाल चुकी है और अब ‘ऑपरेशन राहत’ को समाप्त करने जा रही है। भारत के सफल राहत अभियान की देश और विदेश में काफी तारीफ हो रही है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी समेत 26 देशों ने अपने नागरिकों को यमन से निकालने के लिए भारत की मदद मांगी थी। विदेश राज्यमंत्री जनरल वी. के. सिंह ‘ऑपरेशन राहत’ की शुरुआत से जिबूती में मौजूद रहे और खुद राहत के काम पर नजरें बनाए हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि यमन के भारतीय मिशन में 4100 भारतीयों ने अपना पंजीकरण कराया था और उनमें से करीब सभी निकाले जा चुके हैं। सरकार कुछ और समय तक समुद्र मार्ग से बचाव कार्य जारी रख सकती है। भारतीय नेवी का आएनएस तरकश अल हुदेदाह से 74 लोगों को लेकर जिबूती पहुंचने वाला है। इसके अलावा आईएनएस सुमात्रा बचे हुए कुछ यात्रियों का जत्था लेकर हुदेदाह पहुंच रहा है। इसके बाद यमन की राजधानी सना से अंतिम विमान रवाना होगा।
भारत सरकार ने अपने सभी नागरिकों से अपील की है कि जो यहां से निकलना चाहते हैं वे साना पहुंचें। अधिकारियों ने बताया कि 600 को आज सना से एयर इंडिया के विमानों द्वारा निकाला गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, हम सना से उड़ानों के जरिए चलाए जा रहे अपने अभियान को कल समाप्त कर देंगे और जो लोग वहां से आना चाहते हैं, उन्हें बुधवार तक निकल जाना चाहिए।
अमेरिका, बांग्लादेश और इराक सहित 26 देशों ने हिंसा प्रभावित देश से अपने नागरिकों को निकालने में भारत से सहायता मांगी है। हालांकि पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए मदद नहीं मांगी है, लेकिन भारत ने राहत अभियान के दौरान पाकिस्तानी नागरिकों को भी बचाया। पाकिस्तान का राहत दल भी 11 भारतीयों को निकालने में सफल रहा था । इस बीच पाकिस्तानी नेवी ने जिन 11 भारतीयों को यमन के मुकल्ला से सुरक्षित निकाला है, वे कराची पहुंच गए हैं और बुधवार तक उनके स्वदेश आने की उम्मीद है।
इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि हिंसाग्रस्त यमन से लगभग सभी भारतीय नागरिकों को निकालने का काम बुधवार शाम तक पूरा हो जाएगा। इस काम के लिए भारत से विमान और जहाज भेजे गए हैं। भारत सरकार ने यमन में हिंसा शुरू होते ही कहा था कि जो भी भारतीय स्वदेश लौटना चाहते हैं, उन्हें हम वापस लाएंगे।