नई दिल्ली- किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व अध्यक्ष विजय माल्या के विदेश भागने को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हो रहा है। आप को बता दें कि माल्या को लोन देने वाले बैंक 9,000 करोड़ रूपए को रिकवर करने के लिए उनकी प्रॉपटीज बेचना चाहते हैं। बैंकों के सुप्रीम कोर्ट जाने पहले ही माल्या ने भारत को छोड़ दिया। राज्यसभा में कांग्रेस इसको लेकर जमकर सरकार पर हमले कर रही है। राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि माल्या के ऐसेस्ट जल्द जब्त किए जाएंगे। इसके साथ ही उनके पासपोर्ट को जब्त करने की कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। माल्या को 2004 में बैंक सुविधाएं दी गई थीं।
वहीँ इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए कहा कि माल्या के विदेश जाने में सरकार भी जिम्मेदार है। जवाब में अरुण जेटली ने कहा कि जब विजय माल्या बाहर थे, तब कांग्रेस की सरकार थी और फेमा के तहत मामला दर्ज किया गया था। माल्या को पिछली सरकार में सहूलियतें मिली थीं। माल्या पर 9 हजार करोड़ का कर्ज है और उनकी कई संपत्ति जब्त की गई है। बैंक एक एक पैसा वसूलने में लगे हैं।
इस पर फिर आजाद उठे और कहा कि जब कोई गरीब आदमी 5 हजार का भी लोन लेता है तो बैंक उससे ब्याज वसूलता है। सरकार को बैंकों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। बैंक हमारा या आपका नहीं है। विजय माल्या के रुप में दूसरा ललित मोदी पैदा नहीं होना चाहिए।