दक्षिण अफ्रीका के हाथों पांचवें और आखिरी वनडे में 214 रन से मिली हार के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर ‘प्रक्रिया’ पर फोकस करने पर जोर देते हुए कहा है कि टीम को ढर्रे पर लाने के लिये कुछ मसले जल्दी हल करने होंगे. दक्षिण अफ्रीका के चार विकेट पर 438 रन के जवाब में भारतीय टीम 36 ओवर में 224 रन पर आउट हो गई .
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘मैं जानता हूं कि भारत में सभी नतीजा चाहते हैं लेकिन प्रक्रिया पर ध्यान नहीं देने से नतीजे नहीं मिलेंगे. यह कठिन स्थिति है.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम हल भी तलाश रहे हैं. हमें कुछ और चीजें आजमानी होंगी क्योंकि एक सा करने पर नतीजे भी एक से मिलेंगे.’ दक्षिण अफ्रीका ने भारत में पहली द्विपक्षीय एक दिवसीय श्रृंखला जीती है. इससे पहले उसने टी20 श्रृंखला भी 2-0 से जीती थी.
धोनी ने कहा, ‘हमें बड़े स्तर पर देखना होगा वरना आप इक्की दुक्की श्रृंखलायें जीत सकते हैं. लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए स्थिर और संतुलित टीम चाहिये . हमारी टीम में उसकी कमी लग रही है.’ बल्लेबाजी क्रम में बदलाव के लिये आलोचना झेल रहे धोनी ने कहा कि उन्हें अलग-अलग हालात के लिये अलग समाधान तलाशने थे. उन्होंने कहा, ‘आपको मैदान, विकेट और हालात के अनुरूप बदलाव करने होते हैं. मैने बल्लेबाजी क्रम में कुछ बदलाव किये ताकि उसे मजबूत बनाया जा सके
धोनी ने यह भी कहा कि सिर्फ एक वनडे में आजमाये गए स्टुअर्ट बिन्नी सर्वश्रेष्ठ सीम गेंदबाजी हरफनमौला हैं जबकि अक्षर पटेल और रविंद्र जडेजा सबसे उम्दा स्पिन गेंदबाज हरफनमौला हैं. उन्होंने कहा, ‘हम बोलते रहेंगे कि हमारे पास सीम गेंदबाज हरफनमौला नहीं है. हमने स्टुअर्ट को आजमाया तो लोगों ने उसकी भी आलोचना की लेकिन वह देश का सर्वश्रेष्ठ सीम गेंदबाज हरफनमौला है जबकि जडेजा और अक्षर सबसे उम्दा स्पिन गेंदबाज हरफनमौला हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमें सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी संयोजन उतारने के तरीके तलाशने होंगे लेकिन उसके लिये बल्लेबाजी को हलके में नहीं लिया जा सकता. इन समस्याओं का हल तलाशना होगा .’ धोनी ने कहा, ‘अच्छी बात यह है कि अभी हमारे पास समय है लेकिन हमें इन स्थानों के लिए खिलाड़ियों को तलाशना होगा. हमें ऐसे खिलाड़ियों को तलाशना होगा जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव झेल सके और एक बार कामयाब होने पर काम आसान हो जायेगा.’ उन्होंने मध्यम तेज गेंदबाज मोहित शर्मा और भुवनेश्वर कुमार को उतारने के फैसले का भी बचाव किया जिन्होंने क्रमश: 84 और 106 रन दे डाले .
कप्तान ने कहा, ‘हमने तेज गेंदबाजों को भी आजमाया जिनके पास रफ्तार थी लेकिन वे ज्यादा रन दे रहे थे लिहाजा हमने मध्यम तेज गेंदबाजों को उतारा. मोहित को तीसरा सीमर होना चाहिये लेकिन आपको चुनना होगा कि कौन डेथ गेंदबाज होगा, कौन बीच के ओवर डालेगा और कौन नयी गेंद संभालेगा.’ उन्होंने कहा, ‘हमने कई तेज गेंदबाज आजमाये जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन दलीप ट्राफी, देवधर ट्राफी या आईपीएल में वे अच्छा खेल रहे हैं.’
प्रदर्शन इतना खराब था कि वे उसे बुरा भी नहीं कह सकते
धोनी ने मजाक में कहा कि कल गेंदबाजों का प्रदर्शन इतना खराब था कि वे उसे बुरा भी नहीं कह सकते. उन्होंने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने सपाट विकेट पर अच्छी साझेदारियां की. उनके खिलाफ कोई रणनीति नहीं चल सकी. मैं इसे खराब प्रदर्शन नहीं कहूंगा क्योंकि यह उससे भी बुरा था.’ यह पूछने पर कि मैच में गलती कहां हुई, उन्होंने कहा, ‘ये सवाल आज मत पूछ मैच में गलती कहां हुई, साढ़े चार सौ रन के आसपास बने और आप पूछते हैं कि गलती कहां हुई. कुछ कैच छूटे हैं, गेंदबाजी में कमियां रही. हमने 20-25 ओवर तक नियंत्रण रखा लेकिन उसके बाद उन्होंने 10, 12, 15 रन प्रति ओवर से रन बनाये. 438 या 440 रन का लक्ष्य आसान नहीं होता.’
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की. हमें भी साझेदारियां बनानी चाहिये थी और पूरे 50 ओवर खेलने चाहिये थे. कई बार कामयाबी मिलती है, कई बार नहीं.’ धोनी ने वनडे क्रिकेट में टर्निंग विकेट बनाने का सुझाव देते हुए कहा, ‘यह विकेट बल्लेबाजी के लिये अच्छा था लेकिन स्पिनरों को कोई टर्न नहीं मिला. इस विकेट से ना तो हमारे स्पिनरों को मदद मिली और ना ही तेज गेंदबाजों को. यही वजह है कि उन्होंने इतने रन बनाये क्योंकि चौकों छक्कों पर रोक लगाना मुश्किल हो गया था.’ उन्होंने कहा, ‘आपको जोहानिसबर्ग या अन्य कहीं टर्निंग विकेट नहीं मिलेंगे. हमारी ताकत अलग है और उसके अनुरूप ही विकेट होने चाहिये