भोपाल- व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) परीक्षा घोटाले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा की जा रही जांच की निगरानी के लिए बनी स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) पिछले दो महीने से खाली बैठी हुई है। अध्यक्ष समेत टीम के तीनों सदस्यों के पास अब कोई काम नहीं बचा है।
एसआईटी ने इसकी जानकारी हाईकोर्ट को दे दी है। एसआईटी चीफ जस्टिस चंद्रेश भूषण और रिटायर्ड आईपीएस अफसर एवं एसआईटी के सदस्य विजय रमन ने बताया कि पिछले दो महीनों से उनके पास कोई काम नहीं है।
हर दिन सुबह एसआईटी के दफ्तर आते हैं और शाम को चले जाते हैं। दोनों ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट को भी इस संबंध में लिखा है, लेकिन अब तक वहां से कोई जवाब नहीं आया। हाईकोर्ट के जैसे निर्देश मिलेंगे आगे वैसा ही किया जाएगा।
व्यापमं घोटाले की जांच में अहम भूमिका निभाने वाली एसआईटी से सीबीआई ने अब तक कोई संपर्क नहीं किया है। सीबीआई ने ना ही कोई दस्तावेज एसआईटी से लिए हैं। गौरतलब है कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने व्यापमं घोटाले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी थी।
इससे पहले इस मामले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में एसटीएफ कर रही थी। एसटीएफ की जांच की निगरानी के लिए हाईकोर्ट के निर्देश पर एसआईटी बनाई गई थी। एसआईटी के गठन के बाद से एसटीएफ सीधे हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश नहीं करती थी।
जबलपुर हाईकोर्ट ने 5 नवम्बर 2014 को एसआईटी बनाने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश पर जस्टिस चंद्रेश भूषण को अध्यक्ष, रिटायर्ड आईपीएस विजय रमन और नेशनल इंफॉरमेटिव सेंटर नई दिल्ली में डिप्टी डायरेक्टर जनरल रहे सीएलएम रेड्डी को सदस्य बनाया गया था। एसआईटी ने अपनी वेबसाइट भी बनाई थी, जिस पर भी कई लोगों ने सीधे शिकायतें की थी।
व्यापमं की जांच के दौरान एसआईटी पर कार्रवाई में भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि एसआईटी अपनी जांच निष्पक्ष रूप से नहीं कर रही है। इसी को आधार बनाते हुए कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की थी।
व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में 9 अक्टूबर को स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह रिपोर्ट धमाकेदार हो सकती है। इसमें कई और नए नाम सामने आ सकते हैं, साथ ही एसटीएफ पर अधूरी जांच करने की बात भी सुप्रीम कोर्ट के सामने आ सकती है।
हालांकि यह रिपोर्ट फिलहाल पूरी तरह से गुप्त रखी गई है। रिपोर्ट बनाने में पिछले चार दिनों से दिल्ली और भोपाल सीबीआई के आला अधिकारी जुटे हुए हैं। सूत्रों की मानी जाए तो जेल में बंद आरोपियों के बयानों से धमाकेदार बात सामने आने वाली है। सीबीआई ने इन लोगों के जेल में जाकर बयान दर्ज किए थे।
सीबीआई को दिए बयानों में कई आरोपियों ने एसटीएफ पर निशाना साधा है। बयानों में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने भी एसटीएफ को कटघरे में खड़ा किया है। बताया जाता है कि उन्होंने सीबीआई को बताया है कि एसटीएफ ने उनके खिलाफ ऐसे लोगों को गवाह बनाया है, जिनका व्यापमं से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है।
एसटीएफ ने ऐसे लोगों को उनके खिलाफ इस्तेमाल किया है। 24 सितम्बर को एक साथ 29 आरोपियों के ठिकानों पर मारे गए छापे और उनके बैंक बेलेंस को लेकर भी अधूरी जानकारी एसटीएफ के पास रहना भी सीबीआई की स्टेट्स रिपोर्ट का हिस्सा है। हाईडिस्क की जांच सहित कई बिंदुओं पर सीबीआई अपनी स्टेट्स रिपोर्ट पेश कर जांच को सही दिशा में जाने की बात सुप्रीम कोर्ट के सामने रख सकती है।