नई दिल्ली- एमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर मुस्लिमों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए आंतकी संगठन आईएसआईएस के संदिग्धों को कानूनी मदद मुहैया करानी की बात कही है।
एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी उन 5 युवकों को कानूनी मदद मुहैया कराएगी, जिन्हें AIMIM ने ISIS से मिले होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ओवैसी ने बताया कि उन्होंने एक सीनियर वकील से इसके लिए बात भी कर ली है। ओवैसी ने कहा, ‘मैंने सीनियर क्रिमिनल वकील अब्दुल अजीम से बात की है। मैंने उन्हें बता दिया है कि पकड़े गए लोगों के परिवारवाले मेरे पास आए थे। मैंने उन लोगों को कानूनी मदद देने का वादा किया है।
उन्होंने हैदराबाद की मक्का मस्जिद में रमजान के आखिरी शुक्रवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर कल ये लड़के दोषी नहीं पाए गए तो उन्हें उनका जीवन कौन लौटाएगा? हम आतंकवाद का समर्थन नहीं करते। यदि कोई भारत पर हमला करता है तो हम सामने खड़े होंगे।’ इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि वह ऐसा करके आईएस का साथ नहीं दे रहे हैं। ओवैसी ने कहा, ‘आईएस की निंदा करने में हम सबसे आगे हैं। उन लोगों का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है। मैं अल्लाह से दुआ करूंगा की जल्द से जल्द आईएस से जुड़े लोगों की मानसिकता बदले।
तीन दिन पहले खुफिया एजेंसी एनआईए ने हैदराबाद से 11 लोगों को हिरासत में लिया था, एजेंसी के मुताबिक उनमें से पांच ने कबूला था कि वे आतंकी सरगना के इशारे पर मंदिर में बीफ के टुकड़े रखकर सांप्रदायिक दंगे कराना चाहते थे और कुछ जगहों पर बम धमाके करने की भी योजना थी।
सभी संदिग्ध युवा और पढ़े-लिखे बताए गए थे। कुछ एक ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की थी। इनमें से पांच संदिग्धों की मदद के लिए ओवैसी ने ऐलान किया है।
ओवैसी ने हैदराबाद की मक्का मस्जिद में कहा कि उन्होंने वरिष्ठ वकील अब्दुल अजीम को मुकदमा लड़ने की जिम्मेदारी सौंपी है। ओवैसी ने इस मदद के पीछे संदिग्धों के परिजनों का हवाला दिया। ओवैसी ने बताया के संदिग्धों के परिजनों ने उनसे मदद की गुहार की थी।