नई दिल्ली– रामदेव के इस बयान के बाद पद्म पुरस्कारों को देने की प्रक्रिया पर विवाद होने की आशंका है। पद्म पुरस्कारों को लेकर पहली बार बयान नहीं आया है। रामदेव से पहले भी पद्म पुरस्कारों को देने की प्रक्रिया को लेकर राजनेताओं से लेकर खिलाड़ियों तक ने विरोध जताया है।
रामदेव ने कहा, ‘सभी जानते हैं कि पद्मभूषण और पद्मश्री पुरस्कार अच्छे लोगों को दिए जाते हैं। लेकिन इन्हें हासिल करने के बड़े स्तर पर लॉबीइंग होती है और राजनीतिक दबाव के चलते कुछ लोग इन्हें हासिल करने में सफल होते हैं।’
कुछ दिनों पहले रामदेव ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर खुद को पद्म पुरस्कार न देकर किसी और सुपात्र को यह देने का अनुरोध किया था। तब यह कहा जा रहा था कि रामदेव ने पद्म पुरस्कार लेने से ठुकरा दिया था। हालांकि, बाद में सरकार की ओर से कहा गया था कि सरकार ने उन्हें पद्म पुरस्कारों के लिए शॉर्ट लिस्ट किए गए उम्मीदवारों में शामिल नहीं किया था।
कुछ समय पहले जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने भी एक कार्यक्रम में पद्म पुरस्कारों को छद्म पुरस्कार कहकर इसकी आलोचना की थी। शरद यादव का कहना था कि यह पुरस्कार केवल बेईमानों को दिए जाते हैं। उन्होंने आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों को ये पुरस्कार नहीं दिए जाने की आलोचना की थी।