स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के लिए कुछ राहत भरी खबर है। एक नए शोध के अनुसार मेडिटेशन(ध्यान) और संगीत सुनने से कैंसर से ग्रसित ऊतक की जांच के लिए की जाने वाली बायोप्सी से महिलाओं को होने वाला अत्यधिक दर्द, तनाव और थकान कम हो जाती है। बायोप्सी टेस्ट ट्यूमर के ऊतक को हटाने के लिए कैंसर की कोशिकाओं का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। बायोप्सी टेस्ट महिलाओं के लिए काफी पीड़ादायक होता है। बायोप्सी टेस्ट से होने वाले दर्द का महिला के उपचार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
ड्यूक कैंसर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं का कहना है कि मेडिटेशन और संगीत सुनने जैसे आसान तरीकों को अपनाकर स्तन कैंसर के बायोप्सी टेस्ट से होने वाले दर्द, चिंता और थकावट से राहत मिल सकती है। यह शोध अमेरिकन कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
शोध का नेतृत्व करने वाली ड्यूक कैंसर इंस्टीट्यूट की रेडियोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर मैरी स्कॉट सू ने कहा, ‘स्तन कैंसर के इलाज के लिए निडल बायोप्सी काफी प्रभावी और सफल होती है लेकिन तनाव और दर्द से मरीज के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। ’ निडल बायोप्सी से एक सुई के साथ स्तन ट्यूमर से तरल पदार्थ और या कोशिकाओं को हटाया जाता है।
मैरी ने कहा, ‘इस प्रक्रिया के दौरान जिन मरीजों को दर्द और तनाव होती है उनमें बायोप्सी का प्रभाव कम हो जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इन मुद्दों को उठाकर मरीजों को बेहतर अनुभव और इलाज दे सकें। ’
मैरी और उनके सहयोगियों ने स्तन कैंसर का इलाज करा रही 121 महिलाओं को इस शोध में शामिल किया। उन्होंने महिलाओं को तीन समूहों में बांटा है जिनमें से एक समूह को बायोप्सी की प्रक्रिया के दौरान मेडिटेशन कराया गया, दूसरे समूह को उनकी पसंद का संगीत सुनाया गया और तीसरे समूह को स्टैण्र्डड केयर दी गई, जिसके तहत उन्होंने चिकित्सक के साथ बातचीत की।
बायोप्सी के बाद महिलाओं से पूछे गये सवालों के आधार पर स्टैण्र्डड केयर के मुकाबले मेडिटेशन करने और संगीत सुनने वाली महिलाओं को दर्द, चिंता और थकान का अनुभव कम हुआ। हालांकि संगीत सुनने वालों के मुकाबले मेडिटेशन करने वाली महिलाओं को दर्द और भी कम हुआ।