जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए हटाए जाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों में कमी कर दी है।
इतना ही नहीं पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्ता निलंबित कर दिया है।
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन की वेबसाइट के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) ने बुधवार को पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों को कम करने और भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करने का ‘संकल्प’ लेते हुए, कश्मीर पर कब्जे के संबंध में हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर कई बड़े फैसले लिए।
डॉन के अनुसार बैठक में नई दिल्ली से पाकिस्तान के राजदूत को वापस बुलाने और भारतीय दूत को निष्कासित करने का भी फैसला किया गया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एआरवाई न्यूज को बताया, ‘हमारे राजदूत अब नई दिल्ली में नहीं होंगे और यहां उनके राजदूतों को भी वापस भेजा जाएगा।’
डॉन के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में शीर्ष सुरक्षा संस्था की बैठक में कश्मीर पर कब्जे के लिए विशेष दर्जे को भारत के सदमे निर्णय के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित किया गया था।
डॉन के अनुसार बैठक में पाकिस्तान-भारत द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा करने, संयुक्त राष्ट्र में इस मामले को ले जाने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया, ‘पीएम (पाक के पीएम इमरान खान) ने निर्देश दिया कि भारतीय नस्लवादी शासन और मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने के लिए सभी राजनयिक चैनलों को सक्रिय किया जाए।’
इस फैसले से पहले इमरान सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि अगर भारत, हमसे (पाकिस्तान) से बातचीत करने में दिलचस्पी नहीं रख रहा है तो उनका राजदूत यहां क्यों है?
फवाद ने कहा कि ‘मैं अपने विदेश मंत्री से निवेदन करता हूं कि अगर भारत हमसे बातचीत करने में दिलचस्पी नहीं रख रहा है तो उनका राजदूत यहां क्यों है?’
फवाद यहीं नहीं रुके, उन्होंने भारत से कूटनीटिक रिश्तों को खत्म कर डालने तक की बात भी कही। फवाद ने कहा कि हमें उनसे कूटनीतिक रिश्ते भी तोड़ लेने चाहिए। यहां (पाकिस्तान) में उनके (भारत) राजदूत और वहां (भारत) में हमारे राजदूत क्यों हैं?