वॉशिंगटन : पाकिस्तान को एफ-16 विमानों की बिक्री के लिए अमरीकी कोष से सहायता नहीं देने के कांग्रेस के निर्णय के एक दिन बाद अमरीकी विदेश मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान को इन विमानों की आवश्यकता है। विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने संवाददाताओं से कहा, हमारा मानना है कि आतंकवाद के खात्मे के वास्ते पाकिस्तान के लिए एफ-16 विमान जरूरी हैं और वहां अनेक स्थानों में सक्रिय आतंकवादियों को खदेडऩे में इनकी अहम भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि इससे अमरीकी सांसदों के हाल में किए गए वह दावे अपने आप खारिज हो जाते हैं, जिनमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान इन विमानों का इस्तेमाल आतंकवादियों के खिलाफ नहीं बल्कि भारत के खिलाफ कर सकता है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया था कि वरिष्ठ अमरीकी सांसदों ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 विमान की खरीद में अमरीकी कोष से सहायता राशि देने से इंकार किया है, जब तक कि पाकिस्तान कुछ विशेष कार्रवाई नहीं करता। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया वह विशेष कार्रवाई क्या है।
वहीं सूत्रों ने बताया कि बुधवार को संसद में हुई चर्चा के दौरान विदेश मामलों की समिति ने कहा था कि अगर पाकिस्तान को सहायता चाहिए है तो उसे हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सरकार को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि बिना किसी भेदभाव के सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। टोनर ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वह जानते हैं कि कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने अमरीकी कोष से पाक को सहायता देने पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन सहायता राशि रोके जाने के संबंध में उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार किया।
अमरीका की सहायता के बिना पाकिस्तान को इन विमानों की खरीद के लिए 70 करोड़ डॉलर देने होने जबकि इससे पहले पाकिस्तान को इस विमान की खरीद के लिए 27 करोड़ डॉलर खर्च करने पड़ते। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के विशेष सहायक तारिक फातमी ने कांग्रेस के इस निर्णय के संदर्भ में कहा कि विमानों की खरीद का हमारा समझौता कायम है और पाकिस्तान ओबामा प्रशासन से बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि ओबामा प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वह कांग्रेस को सहायता राशि जारी करने की स्वीकृति देने के लिए राजी करें।