पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा- ननकाना साहब में हुई निंदनीय घटना और भारतभर में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों पर चल रहे हमलों के बीच प्रमुख अंतर यह है कि ननकाना साहिब में मेरी सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है और उन्हें पुलिस और न्यायपालिका से संरक्षण मिलेगा। इसके विपरीत, मोदी की आरएसएस की दृष्टि अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का समर्थन करती है और मुसलमानों के खिलाफ लक्षित हमले इस एजेंडे का हिस्सा हैं।
पाकिस्तान में शुक्रवार शाम इस विश्व प्रसिद्ध ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमले के बाद तनाव कायम है। इस बीच पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने रविवार को भीड़ के हमले की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इससे जोड़ दिया। इमरान खान ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के लिए उनकी सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है। इमरान खान ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और मुसलमानों के खिलाफ लक्षित हमले मोदी और आरएसएस का एजेंडा है।
The major difference between the condemnable Nankana incident & the ongoing attacks across India on Muslims & other minorities is this: the former is against my vision & will find zero tolerance & protection from the govt incl police & judiciary;
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) January 5, 2020
इमरान खान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा- ननकाना साहब में हुई निंदनीय घटना और भारतभर में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों पर चल रहे हमलों के बीच प्रमुख अंतर यह है कि ननकाना साहिब में मेरी सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है और उन्हें पुलिस और न्यायपालिका से संरक्षण मिलेगा। इसके विपरीत, मोदी की आरएसएस की दृष्टि अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का समर्थन करती है और मुसलमानों के खिलाफ लक्षित हमले इस एजेंडे का हिस्सा हैं।
आरएसएस के गुंडे सार्वजनिक रूप से हिंसा करते हैं। मुसलमानों को भीड़ पीटती है, जिसका समर्थन न केवल मोदी सरकार द्वारा किया जाता है, बल्कि भारतीय पुलिस मुस्लिम विरोधी हमलों का नेतृत्व करती है। इमरान खान की प्रतिक्रिया ननकाना साहिब पर हुए हमले के एक दिन बाद आई है, जिसमें मुस्लिम भीड़ ने पवित्र ननकाना साहिब को घेर लिया और ढांचे पर पथराव किया, जबकि कई सिख तीर्थयात्री गुरुद्वारे के अंदर फंस गए। पूरी घटना वीडियो फुटेज में कैद हो गई। इस घटना का भारत में स्थित सिख संगठनों ने विरोध किया है।
गौरतलब है कि गुरुद्वारे में हमला करने वालों में मुख्य ग्रंथी ज्ञानी भगवान सिंह की बेटी जगजीत कौर का अपहरण कर उसका धर्मांतरण और जबरन निकाह करवाने वाले परिवार के लोग भी शामिल थे। इस पूरे मामले की जड़ में सिख लड़की को बंदूक के दम पर अपहरण कर उसका धर्म परिवर्तन कराना और मुस्लिम शख्स से निकाह करवाना है।
मोहम्मद हसन ने पिछसे साल ग्रंथी ज्ञानी भगवान सिंह की बेटी जगजीत कौर का अपहरण कर उसका धर्मांतरण और जबरन निकाह करवाया था। लड़की का नाम जगजीत कौर से बदलकर आयशा रख दिया गया था। सिख समुदाय के लोगों ने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो पुलिस ने 3 सितंबर, 2019 को लड़की को छुड़ाकर उसके परिवार के हवाले कर दिया था।